पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचार किसी से छिपे नहीं हैं। हिंदू लड़कियों को अगवा कर उनका जबरन धर्मांतरण आम बात हो गई है। बीते दिनों 15 साल की महक को अगवा कर जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया था। इस घटना ने पाकिस्तान के लोगों को झकझोर दिया है। महक को न्याय दिलाने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शनिवार (15 फरवरी 2020) को पाकिस्तान के कराची में हिंदू लड़की को न्याय दिलाने के लिए वकीलों के साथ सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। प्रेस क्लब के सामने जुटे लोग इंसाफ का माँग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘महक को आज़ाद करो’ के नारे लगा रहे थे।
https://twitter.com/ANI/status/1228714254011731968?ref_src=twsrc%5Etfwबीते दिनों भी सिख समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध मार्च निकाला था और सरकार से महक को आजाद कराने की माँग की थी। पुलिस और अदालत से न्याय की उम्मीद खो चुके लोग अब महक को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान में बीते कुछ महीनों में लगभग 50 अल्पसंख्यक (हिंदू और सिख) लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। ‘पाकिस्तानी हिंदूज यूथ फोरम’ और ‘सिंधी हिंदू स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान’ नाम से चल रहे फेसबुक पेज के जरिए इसकी जानकारी दी गई है। दरअसल 15 जनवरी को सिंध प्रांत के जैकोबाबाद जिले से कक्षा नौ में पढ़ने वाली 15 वर्षीय महक को अली रजा ने अगवा कर लिया था।
लड़की के अनुसार, उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया और फिर एक मुस्लिम से निकाह करवा दिया गया। इस मामले में पुलिस ने भी लड़की की कोई मदद नहीं की। जब यह मामला पाकिस्तान की कोर्ट में पहुँचा तो लड़की ने दबाव में आकर अदालत में कहा था कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है। इसके बाद कोर्ट ने लड़की को आरोपित के साथ रहने का ही आदेश दे दिया था। हालांकि, जैसे ही वह अपने पिछले बयान से मुकर गई, कुछ पाकिस्तानी मौलवियों ने उसके लिए मौत की सजा की माँग की थी।
https://twitter.com/johnaustin47/status/1226366851929661441?ref_src=twsrc%5Etfw