पाकिस्तान में हिंदू शिक्षक को 25 साल की सजा: एहतेशाम ने लगाया था ईशनिंदा का आरोप, बाद में कहा था- मैंने झूठ बोला

हिंदू शिक्षक नौतन लाल (फोटो साभार: Twitter of Hindu Pact)

पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध प्रांत में ईशनिंदा (Blasphemy) के आरोप में मंगलवार (8 फरवरी 2022) को स्थानीय अदालत ने एक हिंदू शिक्षक को 25 साल की कारावास की सजा सुनाई। सिंध के घोटकी में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुर्तजा सोलंगी ने हिंदू शिक्षक नौतन लाल पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वह विचाराधीन कैदी के तौर पर 2019 से जेल में बंद हैं। उनकी जमानत याचिका भी दो बार खारिज हो चुकी है।

बता दें कि एक निजी स्कूल के मालिक और प्रिंसिपल नौतन लाल पर मोहम्मद एहतेशाम नाम के एक छात्र ने उर्दू कक्षा के दौरान पैगंबर मोहम्मद का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया गया था। हालाँकि बाद में छात्र ने कहा था कि उसने झूठ बोला था।

पत्रकार आदित्य राज कौल ने बताया है कि पाकिस्तान की अदालत ने मोहम्मद एहतेशाम के कबूलनामे पर विचार नहीं किया और दबाव में नौतन लाल को दोषी ठहराया। सितंबर 2019 में सिंध पब्लिक स्कूल के एक हिंदू प्रिंसिपल के खिलाफ पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए FIR दर्ज की गई थी।

छात्र द्वारा लगाए गए झूठे आरोप के बाद, घोटकी के निवासियों द्वारा हिंसा और तोड़फोड़ की गई। सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन किया गया। स्कूल और क्षेत्र के एक हिंदू मंदिर को भी नुकसान पहुँचाया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाल को पाकिस्तान दंड संहिता के अनुच्छेद 295 (C) के तहत हिरासत में लिया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाल को हिरासत में लेने के बाद उनसे घटना के बारे में पूछताछ की गई। साथ ही मोहम्मद एहतेशाम से भी पूछताछ की गई। मोहम्मद एहतिशाम ने तब आरोपों की पुष्टि की थी कि लाल ने पैगंबर के जीवन और दो पवित्र शहरों के बीच यात्रा पर एक पाठ के दौरान उनका ‘अपमान’ किया था। लेकिन जैसे ही यह मामला सोशल मीडिया और पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर फैल गया, मोहम्मद एहतेशाम ने कबूल किया कि उसने झूठ बोला था। उसने सोशल मीडिया पर लिखा था, “नौतन सर ने ऐसा कुछ नहीं बोला था। मुझे तो सिर्फ पाठ याद नहीं था तो उन्होंने मुझ पर थोड़ा गुस्सा किया। फिर मुझे बहुत गुस्सा आया तो मैंने ऐसे ही वीडियो बना दी। मुझे माफ कर दें। मुझे नहीं पता था कि बात इतनी बढ़ जाएगी। नौतन सर मुझे माफ कर दें। प्लीज इस वीडियो को शेयर न करे। यह सब झूठ है।”

मोहम्मद एहतिशाम के सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक ईसाई और हिंदू समुदाय के सदस्यों पर ‘ईशनिंदा’ के आरोपों को लेकर हमला करना, जेल भेजना और यहाँ तक कि उन्हें जान से मार देना भी आम बात है। 2021 में पैगंबर मोहम्मद के ‘अपमान’ के आरोप में पाकिस्तान में एक हिंसक भीड़ द्वारा एक श्रीलंकाई व्यक्ति को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था। यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ़्रीडम (USCIRF) के अनुसार, पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपों के सिलसिले में 1990 से अब तक 75 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है और 40 से अधिक या तो आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं या मौत की कगार पर हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया