Wednesday, May 1, 2024
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श्रीलंकाई मैनेजर को मुस्लिम भीड़ ने जिंदा जलाया, ईशनिंदा का आरोप: इसी कंपनी ने पाक क्रिकेट टीम के लिए बनाई थी जर्सी

प्रियांथा कुमारा को जला कर मार डालने के दौरान कट्टरपंथी अन्य कई नारे भी लगा रहे थे, जिसमें से एक नारा था, “गुस्ताख-ए-नबी की एक ही साज़ा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा।”

पाकिस्तान अल्पसंख्यकों विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों के लिए आतंक का अड्डा बन गया है, जिनकी ‘ईशनिंदा’ के आरोप में हत्या तक कर दी जाती है। एक और मामला अब पाकिस्तान के सियालकोट से सामने आया है, जहाँ एक श्रीलंकाई शख्स प्रियांथा कुमारा को ईशनिंदा के आरोप में उग्र इस्लामी भीड़ द्वारा प्रताड़ित किया गया और जलाकर मार डाला गया। इस भयानक और दर्दनाक घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बाल्टिस्तान टाइम्स के एक ट्वीट में कहा गया है, “सियालकोट में राजको इंडस्ट्रीज के GM, जो एक श्रीलंकाई थे, को फैक्ट्री के लोगों ने मार डाला और फिर जला डाला। GM ने कथित तौर पर पैगंबर (PBUH) के पोस्टर को फाड़ दिया और कूड़ेदान में फेंक दिया।” बता दें कि राजको कंपनी ने ही पाकिस्तान टी-20 वर्ल्ड कप टीम के लिए क्रिकेट जर्सी और गियर बनाया था।

यह घटना सियालकोट के वजीराबाद रोड पर हुई, जहाँ कथित तौर पर निजी कारखानों के श्रमिकों ने एक कारखाने के निर्यात प्रबंधक पर हमला किया और उसकी हत्या कर उसके शरीर को जला दिया।

वीडियो में, गुस्साई भीड़ को ‘नारा ए तकबीर’ और ‘लब्बैक या रसूल अल्लाह’ के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। लब्बैक या रसूल अल्लाह का मतलब है, ”यहाँ मैं आपकी सेवा में हूँ, हे अल्लाह के रसूल।” प्रियांथा कुमारा को जला कर मार डालने के दौरान कट्टरपंथी अन्य कई नारे भी लगा रहे थे, जिसमें से एक नारा था, “गुस्ताख-ए-नबी की एक ही साज़ा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा।”

पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने हत्या का संज्ञान लेते हुए इसे ‘बेहद दुखद घटना’ करार दिया, वहीं सियालकोट पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि शुरुआती जाँच के बाद डिटेल्स मीडिया के साथ साझा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “घटना के हर पहलू की जाँच की जानी चाहिए और एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए। कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।” पुलिस ने कथित तौर पर कहा है कि घटना की जाँच की जाएगी और दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्टों में कहा गया है कि उसने ‘पैगंबर का पोस्टर’ फाड़ दिया था। अब सवाल यह है कि वह इस्लाम के पैगंबर के पोस्टर को कैसे फाड़ सकता है, जबकि इस्लाम लोगों को किसी भी रूप में पैगंबर को प्रकट करने से मना करता है, क्योंकि इस्लाम मूर्तिपूजा के खिलाफ है। हो सकता है कि उस पोस्टर में पैगंबर मोहम्मद का नाम लिखा हो। फ्लिपकार्ट पर बेचा जा रहा यह पोस्टर इसी का एक उदाहरण है।

फ्लिपकार्ट पर बेचा जा रहा पोस्टर

सियालकोट के एक निवासी ने फेसबुक पर बताया कि पीड़ित ने गलती से डस्टबिन में एक कागज फेंक दिया था। उसने इस मामले में जानबूझकर कोई ईशनिंदा नहीं की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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