‘बंगालियों ने पतलून निकाली थी, पख्तून तुम्हारी चमड़ी निकाल लेंगे’: Pak में सुप्रीम कोर्ट के सामने जुटी ‘आज़ादी’ वाली भीड़, जंग का ऐलान

पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के बाहर जुटे हजारों लोग (फोटो साभार: Rfe Rl)

पाकिस्तान में आज़ादी की माँग हो रही है। पश्तून, बलूच व अन्य मुस्लिम जातियों के पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ शुक्रवार (18 अगस्त, 2023) को प्रदर्शन हुआ। राजधानी इस्लामाबाद में स्थित सुप्रीम कोर्ट के सामने पश्तून नेताओं द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान पश्तून नेता ने कहा है कि यदि पश्तूनों की आवाज नहीं सुनी गई तो आजादी के लिए जंग होगी।

इस विरोध प्रदर्शन प्रदर्शन का कई वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में पाकिस्तान के जातीय संगठन ‘पश्तून तहफ़ूज मूवमेंट (PTM)’ प्रमुख मंजूर पश्तीन को धमकी भरे लहजे में ‘फिर हम आजादी माँगेगे’ कहते सुना जा सकता है। उन्होंने कहा है, “अब एक बात होगी या तो हमें अधिकार देने होंगे या फिर आजादी की जंग होगी।” पाकिस्तानी नेताओं को सेना का गुलाम बताते हुए मंजूर पश्तीन ने आगे कहा है कि यहाँ के नेता फ़ौज के गुलाम हैं। तालिबान पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में हमले कर रहा है। इसके पीछे भी फ़ौज का ही हाथ है। सेना तालिबान को हमने अपना काम करना शुरू कर दिया तो हम नहीं रुकेंगे।

एक अन्य वीडियो में पश्तीन ने कहा है, “हमें किसी और शक्ल में इस्लामाबाद आने पर मजबूर मत करो। पाकिस्तानी सेना सिर्फ बदमाशी मानती है। फिर पश्तूनों को देखना हम बदमाशों का क्या हाल बनाते हैं। बंगालियों ने उनके पतलून निकाले थे। लेकिन पख्तून इनकी चमड़ी निकालेंगे।”

मंजूर पश्तीन ने यह भी कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने या रहे कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तमाम समस्याओं के बाद भी PTM कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। पश्तून नेताओं का आरोप है कि पाकिस्तानी अधिकारी पश्तूनों के साथ भेदभाव करते हैं। साथ ही देश का संविधान भी जातीय तौर पर भेदभाव करता है।

वहीं, पाकिस्तान की पूर्व मंत्री और इमरान खान की पार्टी की बड़ी नेता रहीं शिरीन मजारी की बेटी इमान जैनब मजारी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। इस दौरान इमान जैनब मजारी ने कहा कि पाकिस्तान में जितने भी आतंकी हमले हो रहे हैं, उनके लिए सेना जिम्मेदार है। वही असली आतंकी है। यही नहीं, इमान ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ ‘ये जो दहशतगर्दी है, इसके पीछे वर्दी है’ जैसे कई नारे लगवाए।

पश्तून तहफ़ूज मूवमेंट (PTM) प्रमुख मंजूर पश्तीन ने बलूच, सिंध, गिलगित-बाल्टिस्तान और पंजाब के वंचित वर्ग के लोगों को रैली में शामिल होकर एकजुट होने के लिए कहा था। ‘इस्लामाबाद जलसा’ नामक इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य मुख्य रूप से विभिन्न जातियों के लोगों के खिलाफ झूठे मामले थोपने और उन पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना था।

बता दें कि PTM की माँग है कि कबायली इलाकों से चेक पोस्ट हटाई जाएँ। साथ ही, लोगों के जबरन गायब होने की घटनाएँ भी बंद करने की माँग की गई है। पश्तून नेताओं का दावा है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बल बिना किसी उचित प्रक्रिया के लोगों को हिरासत में ले लेते हैं। इन सब पर प्रतिबंध लगाया जाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया