स्कॉटलैंड पुलिस ने हाल में बलात्कारियों पर एक्शन लेने के संबंध में एक अजीबोगरीब बयान दिया था। उनका कहना था कि अगर कोई रेप का आरोपित खुद को ‘महिला’ बताता है तो उसका केस वो लोग महिला वाली श्रेणी में दर्ज करेंगे, फिर चाहे उसके पेनिस ही क्यों न हो।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने अपनी यह नीति पूर्व एसएनपी जस्टिस सेक्रेट्री केनी मैकआस्किल के सवाल पर बताई। केनी ने पुलिस से पूछा था कि वो एसएनपी के नए Gender Recognition Act के तहत रेप केसों से कैसे निपटेंगे।
अब पुलिस के इसी बयान पर तमाम नारीवादी नाराज हैं। इसी क्रम में हैरी पॉटर की लेखिका जेके रॉलिंग ने भी इस बयान पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। रॉलिंग ने तंज कसते हुए बड़े क्रिएटिव ढंग से लिखा, “युद्ध शांति है। स्वतंत्रता गुलामी है। अनभिज्ञता ही शक्ति है। आपका बलात्कार करने वाला पेनिस्ड व्यक्ति एक महिला है।”
अब हालाँकि रॉलिंग का यह तंज इस आधार पर था कि पेनिस वाला कोई व्यक्ति महिला कैसे कहलाया जा सकता है, लेकिन लेखिका का यह ट्वीट कुछ उदारवादियों को पसंद नहीं आया और उन्होंने फौरन रॉलिंग पर ट्रांसफोबिक होने का इल्जाम मढ़ दिया। कई नामी लोगों ने उन्हें ट्रांसवीमेन्स-ट्रांसमेन्स के ख़िलाफ़ नफरत फैलाने वाला बताया।
Love is peace.
— Daniel Lismore (@daniellismore) December 13, 2021
Freedom is acceptance.
Understanding is strength.
Trans women are not a danger to society. J.K Rowling loves to fuel hate towards a whole group of innocent beautiful people.
एक यूजर ने उन्हें कहा कि आखिर उनका यह ट्वीट रेपिस्ट के बारे में न लगकर ‘ट्रांस’ लोगों के बारे में क्यों लग रहा है। MikaAdais नाम के एक यूजर ने कहा, “मैं तुम्हारा फैन हुआ करता था। जब मैं 8 का था तो मुझे प्रताड़ित किया गया। मैं ट्रांस हूँ। तुम्हारी किताब ने मुझे इंस्पायर किया और मुझे उम्मीद दी। लेकिन अब मुझे तुमसे नफरत है और मैंने सारी हैरी पॉटर दान दे दी हैं। ये दुख देने वाला है जब एक हीरो आपके दर्द का कारण बने।”
Why does it sound like you’re more upset about trans people than rapists? Feels like your priorities are wrong here, babe.
— Nicole Maines (@NicoleAMaines) December 13, 2021
बता दें कि ये पहली दफा नहीं है जब हैरी पॉटर की लेखिका को इस तरह ट्रांसफोबिक कह कहकर नकारा गया हो। इससे पहले उन्होंने जब बायोलॉजिकल सेक्स को हकीकत कहा था और मासिक धर्म को लेकर कहा था कि ये सिर्फ़ महिलाओं को ही हो सकता है। तब भी उन्हें ट्रांसफोबिक कहकर शिकार बनाया गया था। दरअसल, कुछ ‘उदार’ लोगों का तर्क था कि जेंडर का निर्माण सोसायटी से होता है, इसका बायोलॉजिकल सेक्स से लेना-देना नहीं होता।