राष्ट्रपति के आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्ज़ा, पकाया भोजन और बिस्तर पर किया आराम: भीड़ के समर्थन में उतरे पूर्व क्रिकेटर्स

श्रीलंका में लगातार हालात खराब हो रहे हैं (फोटो साभार: श्रीलंका ट्वीट का ट्विटर अकाउंट)

चीन के कर्ज के जंजाल में फंसकर श्रीलंका के हालात बिल्कुल खराब हो गए हैं। महीनों से प्रदर्शन कर रहे लोगों का गुस्सा फूटा और उन्होंने राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया। प्रदर्शनकारियों के आक्रोश को देखते हुए राष्ट्रपति भाग खड़े हुए। प्रदर्शनकारियों के समर्थन में क्रिकेटर भी आ गए हैं।

प्रदर्शनकारी लगातार ‘गोटा गो होम’ के नारे लगा रहे हैं। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे भी अपना इस्तीफा दे चुके हैं। आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच श्रीलंका के स्पीकर के आवास पर पार्टी की अहम बैठक जूम के जरिए हुई। इसमें पीएम, एकेडी और सुमनथिरन समेत कई अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। इसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों को इस्तीफा देने के लिए कहने का फैसला किया गया है। संविधान के अनुसार अब स्पीकर श्रीलंका के अस्थायी राष्ट्रपति का पद संभालेंगे।

ऐसे वीडियो भी सामने आ रहे हैं, जहाँ राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने के बाद बेड पर लोग आराम फरमाते सेल्फी लेते और किचेन में खाना पकाते भी दिखे। हालात को देखते हुए देश में सभी स्कूल-कॉलेजों को 15 जुलाई तक के लिए बंद कर दिया गया है।

प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतरे क्रिकेटर

अब संकट की इस घड़ी में प्रदर्शनकारियों के साथ श्रीलंकाई क्रिकेटर भी आ खड़े हुए हैं। पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने ट्विटर के जरिए कहा, “अपने पूरे जीवन में मैंने एक असफल नेता को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए देश को इस तरह एकजुट होते नहीं देखा। जनता ने इनके आधिकारिक घर में ही इनको औकात दिखा दी। कृपया शांति से चले जाएँ।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “घेराबंदी खत्म हो गई है। आपका गढ़ गिर गया है। अरागलया और लोगों की शक्ति जीत गई है। कृपया अब इस्तीफा देने की गरिमा रखें!”

इसी तरह से लोगों के साथ खड़े होते हुए श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा ने प्रदर्शनकारियों द्वारा राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किए जाने के एक वीडियो को पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “ये हमारे भविष्य के लिए है।”

एक अन्य पूर्व-श्रीलंकाई कप्तान महेला जयवर्धने ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “एक देश के रूप में हमने दिशा बदल दी है और कुछ भी नहीं बदल सकता है … लोग ने बता दिया है!!”

गौरतलब है कि चीनी कर्ज के जंजाल में फँसकर श्रीलंका आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है। देश में दो बार आपातकाल लगाया गया, राष्ट्रपति भी बदले, लेकिन देश के हालात जस के तस हैं। महंगाई चरम पर है। महीनों से लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया