डेडलाइन से पहले ही USA की सेना ने अफगानिस्तान छोड़ा, तालिबान के खतरे में ही छूट गए कई अमेरिकी: ‘डरपोक’ बायडेन निशाने पर

अफगानिस्तान से अमेरिका की सैन्य वापसी पूरी, जो बायडेन की हो रही आलोचना (फाइल फोटो)

आखिरकार 20 वर्षों के युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके साथ ही अब अमेरिका का अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का अभियान भी थम गया है। सोमवार (30 अगस्त, 2021) को ये प्रक्रिया पूरी हुई। अमेरिका और उसके साथी देशों ने 15 दिनों से अपने लोगों को निकालने का अभियान छेड़ रखा था, जो खूब-खराबे और हड़बड़ी से भरा हुआ था।

हालाँकि, कई हजार ऐसे अफगानिस्तानी नागरिक अब भी वहाँ फँसे हुए हैं, जिन्होंने अमेरिका व उसके साथी देशों की तालिबान के खिलाफ युद्ध में मदद की थी। वहाँ से निकाले जाने के वो भी इच्छुक थे, लेकिन अमेरिका उन्हें खतरे में छोड़ कर निकल गया है। वहीं कई अमेरिकी नागरिक भी हैं जो अब भी वहीं फँसे हुए हैं। अमेरिका का मिशन पूरा होने के बाद तालिबान ने काबुल में गोलीबारी कर के जश्न मनाया।

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रिपब्लिकन सीनेटर बेन सस्से ने जो बायडेन को अफगानिस्तान में अमेरिका की थू-थू कराने के लिए अयोग्य व डरपोक करार दिया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अपने लोगों को छोड़ कर उन्होंने अक्षम्य अपराध किया है। वहीं सत्ताधारी डेमोक्रेट पार्टी का कहना है कि इस भयानक स्थिति में 1.20 लाख लोगों को निकालने का काम कोई और नहीं कर सकता था। पिछले 20 वर्षों में वहाँ 2500 अमेरिकी सैनिकों व 2.40 लाख अफगान नागरिकों की जान गई है।

मेजर जनरल क्रिस डोनहुए अफगानिस्तान से निकलने वाले अंतिम अमेरिकी सैनिक हैं। ‘Reuters’ के एक पोल से पता चला है कि मात्र 38% अमेरिकी नागरिकों ने जो बायडेन की अफगानिस्तान नीति का समर्थन किया है और 51% इस मामले में उनसे नाखुश हैं। 75% लोग चाहते हैं कि जब तक अंतिम अमेरिकी नागरिक को न निकाल लिया जाए, तब तक अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को मौजूद रहना चाहिए था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया