पाक से MFN का दर्जा लिया गया वापस; CCS की बैठक में लिए गए कई बड़े फ़ैसले

CCS की बैठक प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई

पहले से ही आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान से भारत ने ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस ले लिया है। लंबे समय से इसकी माँग होती रही है। पुलवामा हमले को सरकार ने गंभीरता और भारत सरकार ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कड़े निर्णय लेने की शुरुआत कर दी है। आज (फरवरी 15, 2019) को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक में कुछ अहम निर्णय लिए गए। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा तीनो सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए।

2015-16 में भारत का कुल व्‍यापार 641 अरब डॉलर रहा है वहीं पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापार 2.67 अरब डॉलर रहा। पाकिस्‍तान को भारत का निर्यात 2.17 अरब डॉलर रहा। विश्व व्यापार संगठन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियम के आधार पर व्यापार में किसी देश को मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएनएफ) यानी सर्वाधिक तरजीह वाले देश का दर्जा दिया जाता है। एमएनएफ दर्जा प्राप्त देश के कारोबार में नुक़सान पहुँचाने वाला कोई कार्य नहीं किया जाता है। उसके सामान पर अतिरिक्त कर भी नहीं लगाया जाता है। आयात और निर्यात वाली वस्तुओं का भी ध्यान रखा जाता है।

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आतंकवाद पर कठोर क़दम उठाते हुए भारत ने पाकिस्तान को दिया गया एमएफएन का दर्जा वापस ले लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने CCS की बैठक में लिए गए फ़ैसलों की जानकारी देते हुए बताया:

“प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कल के आतंकी हमले का विश्लेषण किया गया। बैठक में हमले में शहीद जवानों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। विदेश मंत्रालय के जरिए कूटनीतिक कदम उठाए जाएंगे। पाकिस्तान को दिया गया ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस ले लिया गया है।”

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इसके अलावा अरुण जेटली ने यह भी कहा कि इस बैठक की सभी बातों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। जेटली ने पाकिस्तान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय कूटनीतिक स्तर पर प्रयास कर पाकिस्तान को अलग-थलग कर देगा। उन्होंने कहा कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों को सबक सिखाने के लिए सुरक्षाबल हर संभव कार्रवाई करेंगे ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो। उन्होंने कहा कि आतंकियों को इसकी कड़ी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के सभी मुद्दों के बारे में बताने से जेटली ने इनकार कर दिया। क़रीब एक घंटे तक चली मैराथन बैठक के बारे में जानकारी देते हुए अरुण जेटली ने कहा:

“विदेश मंत्रालय ने सभी संभव राजनयिक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग किया जा सके क्योंकि इस कायराना हरकत के पीछे उसका सीधा हाथ है। जो लोग इस हमले के जिम्मेदार हैं या इस आतंकवादी हमले का समर्थन किया है उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया