खालिस्तानी वाले 46% ट्वीट Pak से, ज़ुबैर के ट्वीट से ट्रेंड में आया कीवर्ड: शिकायत के बाद अब दे रहा सफाई, अर्शदीप पर प्रोपेगंडा की खुली पोल

मोहम्मद जुबैर (फाइल फोटो साभार: न्यूजरूम पोस्ट)

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने हाल ही में भारतीय क्रिकेटर अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी (Khalistani) कहने वालों का प्रचार करने वाले ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसका विरोध करते हुए मोहम्मद जुबैर ने बुधवार (7 सितंबर, 2022) को अपने ट्विटर हैंडल पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा। लेकिन, ट्विटर यूजर ‘द हॉक आई’ ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

फोटो साभार: ट्विटर

जुबैर ने दावा किया कि उसके खिलाफ ‘नफरत फैलाने’ के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जुबैर ने सिरसा के आरोपों का जवाब देने की कोशिश करते हुए कहा कि अर्शदीप के कैच छोड़ने के एक घंटे बाद उन्होंने ट्वीट किया। उन्होंने ट्विटर हैंडल @MrSinha_ पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने भी ‘खालिस्तानी’ शब्द का इस्तेमाल किया। दिलचस्प बात यह है कि सिन्हा ने अर्शदीप को ‘खालिस्तानी’ कहा ही नहीं था।

फोटो साभार: ट्विटर

सिन्हा ने इस ओर इशारा किया था कि ‘किंग्स इलेवन पंजाब’ का ऑफिशियल हैंडल पाकिस्तानी टीम के लिए चीयर कर रहा था, लेकिन उन्होंने अर्शदीप को खालिस्तानी नहीं कहा था। ट्वीट के लिए एक वेब आर्काइव लिंक था, लेकिन आर्काइव लिंक में विशेष लिंक को आर्काइव नहीं किया गया था। सिन्हा ने जुबैर का भी जवाब दिया और कहा कि वह अर्शदीप का नहीं, बल्कि किंग्स इलेवन के ट्विटर हैंडल का जिक्र कर रहे हैं। जुबैर के झूठे ट्वीट के कारण सिन्हा ट्रोलिंग का शिकार हुए।

जुबैर ने आगे दावा किया कि भारतीयों और पाकिस्तानियों ने अर्शदीप को खालिस्तानी कहने के साथ उन्हें गालियाँ भी दीं। हालाँकि, हॉक आई ने इस बात को प्रमुखता से उठाया कि कैसे उसके (जुबैर) ट्वीट के बाद खालिस्तानी शब्द का प्रयोग हुआ। हैंडल ने तथ्यों के साथ अपनी बात रखते हुए जुबैर के ट्वीट को साझा किया और कहा, “आपके ट्वीट करने के 45 मिनट पहले ये कीवर्ड ट्रेंड नहीं कर रहा था। आप अपने कोलाज में राइट विंग हैंडल को कोट कर रहे हैं। Google ट्रेंड, विकीपीडिया पेज में परिवर्तन, पाकिस्तानियों और इसे शुरू करने वाले ‘Dunya Ch’ के डेटा को क्यों छोड़ रहे हैं?”

‘द हॉक आई (The Hawk Eye)’ ने ट्वीट के साथ कुछ स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं। पहले स्क्रीनशॉट में साफ देखा जा सकता है कि जुबैर के ट्वीट से पहले खालिस्तानी शब्द का इस्तेमाल करते हुए 500 से कम ट्वीट किए गए थे। लेकिन उसके ट्वीट के एक घंटे के भीतर यह 1000 से अधिक हो गया और बढ़ता ही रहा। अगले दिन दोपहर में 3:30 बजे तक यह 16,000 से अधिक तक पहुँच गया। गूगल ट्रेंड्स मैप के मुताबिक खालिस्तानी शब्द के प्रचार-प्रसार के पूरे विवाद में पाकिस्तान का 46 फीसदी योगदान था। इसके अलावा यूएई का 20%, भारत का 17% और कतर का 7% था।

गौरतलब है कि पाकिस्तानी मूल के पत्रकार डब्ल्यूएस खान ने ट्वीट किया था कि कैच छूटने के महज 3 मिनट बाद ही अर्शदीप खालिस्तानी आंदोलन का हिस्सा हो सकते हैं। इसके अलावा पाकिस्तानी इन्फ्लुएंसर ओसामा जिसे ‘ashaqueens’ ट्विटर हैंडल से जाना जाता है, उसने कहा था कि अर्शदीप को खालिस्तानी आंदोलन का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि वह कैच छोड़ने के बाद अब भारत नहीं जा सकता। कैच छूटने के 12 मिनट बाद ही ये ट्वीट किया गया था।

पूरे विवाद का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जुबैर ने जानबूझकर ‘खालिस्तानी’ शब्द को ही खोजा था। इस बात की पुष्टि उसके सभी स्क्रीनशॉट से होती है, जिसमें यह शब्द बोल्ड है। यह तभी होता है जब आप ट्विटर पर सर्च रिजल्ट से ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट ले रहे होते हैं।

पाकिस्तान और अरब देशों से किए गए ट्वीट

पाकिस्तान के खिलाफ मैच में अर्शदीप ने 18वें ओवर की तीसरी गेंद में आसिफ अली का कैच छोड़ा था, जिसके बाद देखा गया कि अचानक उनको सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा। कुछ अकॉउंट्स से उन्हें देश विरोधी जैसे शब्द तक कहे गए। जो ट्वीट अर्शदीप को देशद्रोही आदि बताते हुए किए गए हैं, वो अधिकतर पाकिस्तान और अरब देशों के लोगों ने भारतीय बनकर किए थे।

विकिपीडिया पर भी अर्शदीप का डाटा बदला

पाकिस्तानियों ने केवल सोशल मीडिया पर ही अर्शदीप को खालिस्तानी दिखाने की कोशिश नहीं की। बल्कि उन्होंने विकिपीडिया पर भी अर्शदीप का डाटा बदल दिया था। उन्होंने जहाँ-जहाँ अर्शदीप के नाम के साथ भारतीय होना चाहिए वहाँ जानबूझकर खालिस्तान लिखा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया