‘Huawei ही नहीं, चीन की 18 अन्य कंपनी से भी BBC को फंड’: महेश जेठमलानी ने भारत और PM मोदी विरोधी दुष्प्रचार पर फिर लताड़ा

महेश जेठमलानी ने बीबीसी को फिर लताड़ा (फोटो साभार: deccan herald)

बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी का कहना है कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए बीबीसी ने प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री बनाई है। उन्होंने BBC को भारत विरोधी और बिकाऊ बताया।

वरिष्ठ अधिवक्ता जेठमलानी ने इस मामले में गुरुवार (2 फरवरी 2023) को ‘deadline.com‘ की एक रिपोर्ट ट्वीट की। इसके जरिए उन्होंने बीबीसी (BBC) और हुआवै (Huawei) के बीच लेनदेन के सबूत माँगने वाले उसके भारतीय समर्थकों को जमकर लताड़ा। जेठमलानी ने आरोप लगाया कि हुआवै के अलावा, बीबीसी के 18 अन्य चीनी क्लाइंट ने भी भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए उसे भुगतान किया था।

उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “भारत में बीबीसी के समर्थक इस बात का सबूत माँगते हैं कि हुआवै का बीबीसी को फंडिंग करने का डॉक्यूमेंट्री से क्या लिंक है? सिर्फ हुआवै ही नहीं, बल्कि कम-से-कम 18 अन्य चीनी क्लाइंट भी भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए बीबीसी को भुगतान करते हैं! बीबीसी की आलोचना करते हुए लॉर्ड एल्टन एमपी कहते हैं, मैं उसकी दी हुई रोटी खाता हूँ, उसके गीत गाता हूँ।”

‘deadline.com‘ की रिपोर्ट के अनुसार, लॉर्ड डेविड एल्टन ने बीबीसी के महानिदेशक टिम डेवी को पत्र लिखकर माँग की है कि डेडलाइन के चीन से संबंध उजागर होने के बाद अपने ​कमर्शियल यूनिट बीबीसी स्टोरीवर्क्स की गतिविधियों की समीक्षा करे।

उन्होंने ​कहा कि बुधवार (1 फरवरी 2023) को प्रकाशित एक इन्वेस्टिगेशन में खुलासा किया गया कि बीबीसी के पत्रकारों के विरोध के बावजूद स्टोरीवर्क्स ने नौ सरकारी निकायों सहित कम-से-कम 18 चीनी ग्राहकों के साथ भागीदारी की है।

BBC स्टोरीवर्क्स ने चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क के यूके में प्रसारण पर प्रतिबंध लगने के बाद उसके लिए एक जबरदस्त विज्ञापन तैयार किया। इसके अलावा, स्टोरीवर्क्स अन्य ग्राहकों में चीन की सरकारी मीडिया समाचार एजेंसी सिन्हुआ और विवादास्पद दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी हुआवै शामिल थे।

गौरतलब है कि इससे पहले राज्यसभा सांसद जेठमलानी ने बीबीसी पर चीनी कंपनी से पैसा लेकर भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने मंगलवार (31 जनवरी, 2023) को ‘spectator.co.uk‘ की एक रिपोर्ट को ट्वीट किया था।

रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा था, “बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है? क्योंकि इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए चीन की कंपनी हुआवै (Huawei) से पैसों की सख्त जरूरत है (बीबीसी एक फेलो ट्रैवलर, कॉमरेड जयराम?)।”

जेठमलानी ने इस विवाद को ‘कैश-फॉर-प्रोपेगेंडा डील’ करार दिया था और बीबीसी को बिकाऊ बताया था। यही नहीं, एडवोकेट ने अपने दूसरे ट्वीट में बताया था कि बीबीसी का भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक लंबा इतिहास रहा है।

उन्होंने कहा कि साल 2021 में बीबीसी ने बिना जम्मू-कश्मीर के भारत का नक्शा जारी किया था। बाद में उसने भारत सरकार से इसके लिए माफी माँगी थी और नक्शे को सही किया था। पीएम मोदी के खिलाफ बनाई गई यह विवादित डॉक्यूमेंट्री भी उनके दुष्प्रचार का हिस्सा है।

उल्लेखनीय है बीबीसी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में बनाई गई विवादित डॉक्यूमेंट्री सीरीज में गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी के कार्यकाल पर हमला किया है। इसको लेकर बीते दिनों केंद्र सरकार ने ट्विटर और यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक हटाने का आदेश जारी किया था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक किया गया था। विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश करार दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया