मोदी ने गुजरात में लोगों को मरने दिया: Pak मीडिया में प्रोपेगेंडा वेबसाइट Scroll का लेख

पाकिस्तानी मीडिया में चल रहा है स्क्रॉल का लेख

‘स्क्रॉल’ की पत्रकार का लेख पाकिस्तानी मीडिया ने उठाया है। कुछ दिन पहले पाकिस्तानी पक्ष ने कुलभूषण जाधव के विरुद्ध दलीलें देने के लिए ‘द क्विंट’ के लेख का ज़िक्र किया था। इन दोनों पोर्टलों को पाकिस्तान से प्रेम है या नहीं लेकिन पाकिस्तान को इनसे ज़रूर प्रेम है। पाकिस्तानी मीडिया संस्थान ‘डॉन’ को स्क्रॉल का लेख इतना अच्छा लगा कि उसने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया। आइए देखते हैं कि इस लेख में ऐसा क्या था कि पाकिस्तान को इतना अच्छा लगा। दरअसल, सीधे देखने पर पता चलता है कि मोदी के जीतने के पाँच कारण गिनाए गए हैं और यह एक पॉजिटिव विश्लेषण लगता है, लेकिन जैसे ही आप अन्दर उन कारणों को पढ़ना शुरू करते हैं, आपको पता चल जाता है कि इस लेख का उद्देश्य क्या है? ऐसा इसीलिए, क्योंकि लेख की शुरुआत गुजरात दंगे से की गई है।

इस लेख में किसी भेरू लाल नामक व्यक्ति के हवाले से लिखा गया है कि मोदी ने गुजरात में दंगे होने दिए और कुछ नहीं किया। भेरू लाल के हवाले से लिखा गया है कि राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरे समुदाय के लोगों को मरने दिया। भेरू लाल को उदयपुर का एक भील आदिवासी बताया गया है। इस लेख में स्क्रॉल की पत्रकार सुप्रिया शर्मा ने मोदी की जीत का पहला कारण उनकी लोकप्रियता को बताया है। लेकिन, अगर सब कुछ सीधा रहता तो पाकिस्तानी मीडिया ने इस लेख को नहीं उठाया होता। इसमें दावा किया गया है, “मेट्रो सिटी के इलीट लोग मोदी के बेअदबी भरे भाषणों से नाराज़गी जताते हैं।” इलीट वर्ग के हवाले से मोदी के भाषण में नाटकीयता, विचलन और अशुद्धियाँ होने का दावा किया गया है।

इस लेख में दावा किया गया है कि ‘वोटर ऐसा समझते हैं‘ कि मोदी का एयर स्ट्राइक का ‘दावा’ सही है और और इसीलिए वे मोदी से ख़ुश हैं। इस लेख में कहीं भी एयर स्ट्राइक सच में हुआ, इसकी चर्चा नहीं की गई है और इसे मोदी का दावा बताया गया है। तीसरा कारण विकास बताया गया है। लेकिन, इसमें भी नियम एवं शर्तें लगाई गई हैं। मोदी ने विकास किया, ये लिखने के बजाए लिखा गया है कि मोदी ने विकास के आईडिया में मतदाताओं को निवेशित रखा। दलितों और आदिवासियों में मोदी सरकार के प्रति गुस्सा होने का दावा किया गया है। सुप्रिया शर्मा द्वारा लिखे गए इस लेख में एक और गंभीर दावा किया गया है।

अजीब सा चुनावी विश्लेषण करते हुए पाकिस्तानी मीडिया द्वारा प्रकाशित किए गए स्क्रॉल के इस लेख में सुप्रिया शर्मा का दावा है कि जिस तरह 2014 में भाजपा को बिना समुदाय विशेष के समर्थन के पूर्ण बहुमत मिला, 2019 की जीत में दलितों और आदिवासियों के मतों की कोई महत्ता नहीं रह जाएगी। शर्मा ने भेरू लाल से अजीब प्रोपगंडा वाला सवाल पूछा कि वो समुदाय विशेष से घृणा क्यों करते हैं? भेरू लाल को राजपूतों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात भी कही गई है। पाँचवे कारण के अंतर्गत इस लेख में लिखा गया, “मीडिया ने सरकार के बहुसंख्यकवादी प्रकृति को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।” पाकिस्तानी मीडिया के इस ‘स्क्रॉल प्रेम’ का कारण अब आप समझ चुके होंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया