NY टाइम्स ने JNU हिंसा पर कहा- लगाए गए थे ‘जय श्रीराम’ के नारे, जावड़ेकर ने कसा तंज- यही हैं सच्चे राम भक्त

फाइनेंशियल टाइम्स के बाद प्रकाश जावड़ेकर ने न्यूयॉर्क टाइम्स को लताड़ा

फाइनेंशियल टाइम्स के बाद रविवार (जनवरी 5, 2019) को जेएनयू हिंसा पर टुच्ची और निराधार रिपोर्टिंग करने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज न्यूयॉर्क टाइम्स का भी सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया। अपनी रिपोर्ट में एबीवीपी को आरोपित बताकर न्यूयॉर्क टाइम्स वे दावा किया कि विश्वविद्यालय के मुताबिक छात्रों के साथ मारपीट करने वाले लोग एक हिंदू समूह से थे। जबकि वास्तविकता में विश्वविद्यायल अपने प्रेस नोट में ये बात साफ कह चुका है कि विश्वविद्यालय में अराजकता फैलाने वाले छात्र वे थे, जो सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे थे। इसके अलावा इस रिपोर्ट में बिना किसी जाँच-पड़ताल के ये भी कहा गया कि हमला करने वाले छात्र ‘जय श्री राम’ चिल्ला रहे थे।

https://twitter.com/nytimesworld/status/1214025430329679872?ref_src=twsrc%5Etfw

हालाँकि, इस रिपोर्ट के सोशल मीडिया पर शेयर होते ही, भारतीय यूजर्स ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए न्यूयॉर्क टाइम्स को खूब लताड़ा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बार न्यूयॉर्क टाइम्स को व्यंग्यात्मक लहजे में जवाब दिया। प्रकाश जावड़ेकर ने अभिनव प्रकाश नाम के यूजर की प्रतिक्रिया को अपने अकॉउंट से शेयर किया। जिसमें अभिनव ने न्यूयॉर्क टाइम्स के ‘जय श्रीराम’ वाले बिंदु का मजाक उड़ाते हुए लिखा था कि जिसे भारत के किसी पत्रकार ने नहीं सुना, उसे न्यूयॉर्क टाइम्स ने सुना। हैरानी नहीं होती कि आखिर इनके राष्ट्रपति ही इन्हें फेक न्यूज फैलाने वाला क्यों कहते हैं।

https://twitter.com/PrakashJavdekar/status/1214468893894307841?ref_src=twsrc%5Etfw

अभिनव के इस ट्वीट को शेयर करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि ऐसा लगता है न्यूयॉर्क टाइम्स में ही भगवान राम के सबसे ज्यादा भक्त हैं। जो हर जगह राम को ढूँढ लेते हैं।

इसके बाद, उन्होंने गंभीर होते हुए कहा कि अब वे ननकाना साहिब में हुई हिंसा और धार्मिक रूप से प्रताड़ित किए गए लोगों पर न्यूयॉर्क टाइम्स की ग्राउंड रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। ताकि जान सकें कि उन्होंने (न्यूयॉर्क टाइम्स) वहाँ कौन से नारे सुने?

गौरतलब है कि इससे पहले अभी बीते दिन ही प्रकाश जावड़ेकर ने विदेशी मीडिया फाइनेंशियल टाइम्स को लताड़ लगाई थी। क्योंकि फाइनेंशियल टाइम्स ने भी रविवार को जेएनयू मेंं हुई हिंसा को कवर करते हुए पूरी खबर को नया एंगल देने का प्रयास किया था और हेडलाइन में दंगा करने वालों के लिए उपद्रवी भीड़ (Rowdy Mob), हिंसक भीड़ (Violent MOB), दंगाइयों (Rioters) की भीड़ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने की बजाय ‘उत्पातियों’ को ‘राष्ट्रवादियों (nationalist)’ की भीड़ बताया था।

https://twitter.com/OpIndia_in/status/1214368555858313217?ref_src=twsrc%5Etfw

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया