रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली से लेकर भोपाल तक में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार व मुंबई पुलिस की खुल कर आलोचना हो रही है। ऐसे में महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने रायगढ़ एसपी को कारण बताओ नोटिस भेज दिया है।
https://twitter.com/republic/status/1324262349700689922?ref_src=twsrc%5Etfwमहाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने रायगढ़ एसपी को नोटिस भेजकर कल सुबह उन्हें पेश होने को कहा है। साथ ही सारे सबूत आयोग के समक्ष पेश करने के आदेश भी दिए गए हैं।
https://twitter.com/Republic_Bharat/status/1324263381759520769?ref_src=twsrc%5Etfwबता दें कि वकील आदित्य मिश्रा ने अर्णब गोस्वामी की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की थी और मामले पर तत्काल विचार करने का आह्वान किया था।
इस पूरे मामले में रिपब्लिक टीवी ने कुछ देर पहले बताया है कि मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक के एग्जिक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायणस्वामी को भी समन जारी किया है। वह अलीबाग में पिछले 24 घंटे से रिपोर्टिंग कर रहे हैं। उन्हें मुंबई पुलिस द्वारा अब तक चौथी बार समन भेजा गया है।
https://twitter.com/republic/status/1324272289500688385?ref_src=twsrc%5Etfwगौरतलब है कि अर्णब गोस्वामी को बुधवार को बिना समन जारी किए जबरदस्ती घर से उठाया गया था। कुछ पुलिस अधिकारी उनके घर पहुँचे थे और उनके साथ मारपीट करते हुए उन्हें एक पुराने केस में गिरफ्तार किया था।
इसके बाद अर्णब की कई वीडियोज सामने आई थी। वीडियो में उनके शरीर पर मारपीट के निशान साफ नजर आए थे, जिसे देख जगह-जगह मुंबई पुलिस के रवैये की आलोचना हुई थी।
देर रात तक अदालत की सुनवाई चलने के बाद अर्णब को कल 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया जबकि मुंबई पुलिस लगातार 14 दिन की हिरासत का अनुरोध कर रही थी। अदालत ने पुलिस से कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है।
दूसरी ओर अदालत द्वारा गोस्वामी को न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद उनके वकील आबाद पोंडा और गौरव पारकर ने जमानत के लिए याचिका दाखिल कर दी है। वकील पोंडा ने कहा, ‘‘अदालत ने पुलिस से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है और मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।”