बिन सिर पैर के दावों पर द वायर ने गढ़ी आभासी ऐप ‘Tek Fog’: कहा- बीजेपी कर लेती है ट्विटर, वॉट्सऐप सब हैक

द वायर ने 'टेक फॉग' को लेकर गढ़ी कहानी

वामपंथी मीडिया पोर्टल ‘द वायर (The Wire)’ ने 6 जनवरी 2022 को एक रिपोर्ट पब्लिश करके दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी/भाजपा) ने ट्विटर पर ट्रेंड्स को मैनिपुलेट करने के लिए Tek Fog (टेक फॉग) नामक ऐप का इस्तेमाल किया। द वायर की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि इस ऐप को भाजपा नेता देवांग दवे के नेतृत्व में चलाया जा रहा था। रिपोर्ट कितनी प्रमाणिक है इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि दवे ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को ईमेल के जरिए खारिज कर दिया और खुद वायर भी इतने प्रमाणिक सबूत नहीं दे पाया कि अपनी आभासी रिपोर्ट जस्टिफाई कर सकें।

वायर ने अपने पाठकों को बताया कि बीजेपी इस ऐप का इस्तेमाल ट्विटर ट्रेंड हाईजैक करने के लिए, कई वॉट्सऐप अकॉउंट चलाने के लिए और भाजपा विरोधी पत्रकारों का शोषण करने के लिए यूज करती थी। दिलचस्प बात ये है कि ये पूरा दावा किसी आरती शर्मा ने साल 2020 में एक ट्वीट में किया था। उनका कहना था कि वो आईटी सेल में 2014 से काम कर रही हैं और उन्हें सरकारी नौकरी का वादा किया गया था लेकिन जॉब न मिलने पर उन्होंने इस ‘शक्तिशाली’ ऐप जिससे ऑनलाइन कुछ भी हैक हो सकता था, उसका खुलासा किया। 

जब वायर ने इस ऐप के बारे में देवांग दवे से जाना तो उन्होंने साफ कहा कि पार्टी ऐसी चीजों में कभी नहीं पड़ती। संगठन को ऐसी ऐप की जरूरत ही नहीं है। रही बात इसके इस्तेमाल की तो संगठन ऐसी किसी ऐप के बारे में जानता तक नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा और अन्य उल्लेखित वेबसाइटों का टेक फॉग ऐप से लेना-देना नहीं है।

वायर की रिपोर्ट से लिया गया स्क्रीनशॉट

ऑपइंडिया से भी बात करते हुए देवांग दवे ने कहा कि उनकी टीम तो इस ऐप के बारे में जानती भी नहीं है तो सवाल ही नहीं है कि उनका इससे कोई भी लिंक है। वह कहते हैं कि वायर के दावे सत्यापित नहीं है फिर भी उन्होंने तकनीकी शब्दजाल बुनकर इसे प्रकाशित किया। दवे ने किसी आरती शर्मा को जानने से भी इनकार किया, जिसके आधार पर द वायर ने पूरी रिपोर्ट गढ़ी और इसी पर अपनी जाँच शुरू की, फिर बिन किसी तथ्यात्मक जानकारी के सूत्रों के नाम लेकर उन्होंने रिपोर्ट पब्लिश की।

वायर की रिपोर्ट से लिया गया स्क्रीनशॉट

हैकिंग और ऑनलाइन शोषण मामले पर भी वायर ने सूत्रों के हवाले से कहा कि इस ऐप के जरिए कई पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा था। चुनिंदा लोगों के लिए ऑटो-रिप्लाई काम कर रहा था। अपनी बातों को साबित करने के लिए वामपंथी पोर्टल ने कुछ स्क्रीनशॉट लगाए, कुछ आईपी एड्रेस बताए। लेकिन तकनीकी रूप से अपने दावे नहीं स्पष्ट कर पाए। दवे के अतिरिक्त अन्य जितने लोगों का नाम रिपोर्ट में था सबने ऐसे दावों को खारिज किया। यहाँ तक शेयरचैट ने भी टेक फॉग से लिंक होने से मना कर दिया। इस रिपोर्ट में उन्होंने रिपब्लिक वर्ल्ड, ऑपइंडिया, एबीपी न्यूज और दैनिक जागरण का नाम भी जोड़ा। हालाँकि खुद ही स्पष्ट भी किया कि टेक फॉग का ऑपइंडिया से लेना-देना नहीं है। खुद को सही दिखाने के लिए उन्होंने कुछ आईपी एड्रेस दिया, जिस पर देवांग दवे ने कहा कि अगर कोई ऐप बीजेवाईएम की साइट को खोलती है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो जुड़े हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया