द वायर वाले वरदराजन की ‘पेरिस कैफे’ स्टोरी, कल्पना का तड़का लगा वैक्सीन और PM मोदी की तस्वीर पर छोड़ा नया शिगूफा

द वायर वाले सिद्धार्थ वरदराजन

कोरोना के भारतीय टीकों और मोदी सरकार की वैक्सीनेशन नीतियों को लेकर लिबरल-वामपंथी गुट शुरुआत से ही प्रोपेगेंडा फैलाने में लगे हैं। इसी कड़ी में वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने नया शिगूफा छोड़ा है। उन्होंने ट्वीट कर दावा किया है कि उनसे पेरिस के एक रेस्तरां में वैक्सीन लेने का प्रमाण माँगा गया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक बनाने की भी कोशिश की है।

वरदराजन ने दावा किया कि पेरिस के एक कैफे में एक वेटर ने उनसे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट माँगा। सर्टिफिकेट देखने के बाद वेटर ने उस पर लगी तस्वीर का मिलान वरदराजन से किया। जब वरदराजन ने उसे बताया कि तस्वीर प्रधानमंत्री की है तो वह अचंभित रह गया कि उनकी बजाए नेता की तस्वीर क्यों लगी है?

https://twitter.com/svaradarajan/status/1440233201243332613?ref_src=twsrc%5Etfw

नेटिजन्स ने अमेरिकी नागरिक वरदराजन की इस कहानी में कल्पना का घोल बताते हुए उनके दावे पर सवाल उठाए हैं। संदीप बांगिया नाम के एक यूजर ने कहा कि उन्हें वरदराजन की कहानी मनगढ़ंत लगती है। साथ ही सवाल किया कि वरदराजन ने वेटर को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का डिजिटल प्रारूप क्यों नहीं दिखाया? एक अन्य यूजर रिषभ वत्स ने ध्यान दिलाया कि सार्वजनिक जगहों पर पहुँच के लिए फ्रांस 18 साल की आयु से ऊपर के हरेक व्यक्ति को कोविड पास/सर्टिफिकेट मुहैया कराता है जो टीकाकरण का मुख्य प्रमाण है।

https://twitter.com/sandeepbangia/status/1440330207588597775?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/VatsRishap/status/1440332609028976640?ref_src=twsrc%5Etfw

दिलचस्प यह है कि फ्रांसीसी सरकार की वेबसाइट पर जो जानकारी उपलब्ध है उससे भी वरदराजन की कहानी में झोल दिखता है। इसके मुताबिक फ्रांस आने वाले गैर यूरोपीय देश के नागरिकों और छात्रों के लिए कोविड सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। सर्टिफिकेट उन लोगों को दिया जाता है जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है या फिर उन्होंने यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त या उसका समतुल्य टीका ले रखा होता है। डिजिटल फॉर्मेट में जारी किया जाने वाला यह सर्टिफिकेट पूरे यूरोपीय यूनियन में मान्य होता है। जाहिर है फ्रांस में गैर यूरोपीय नागरिकों से टीकाकरण का प्रमाण की जगह कोविड सर्टिफिकेट की माँग की जाती है।

कोविड सर्टिफिकेट को लेकर फ्रांस की गाइडलाइन

इसे हासिल करने के लिए या तो किसी को वैध COVID वैक्सीन प्रमाण-पत्र दिखाना होगा या अपनी नेगेटिव आरटी-पीसीआर या एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट, जो एक क्यूआर कोड के साथ आता है और जिसे कोई अपने फोन से भी हासिल कर सकता है। इसके अलावा जिन्हें मान्यता प्राप्त टीका लगा हो उन्हें भी फ्रांस में रहने के लिए एक ‘COVID प्रमाण-पत्र’ मिलेगा। यहाँ यह जानना जरूरी है कि फ्रांस ने भारत के कोविशील्ड को मान्यता दे रखी है।

https://twitter.com/BellamSwathi/status/1440251389251182596?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/AnoopChathoth/status/1440246615936102401?ref_src=twsrc%5Etfw

साफ है कि इस स्थिति में फ्रांस में कोविड पास हासिल करने के लिए वरदराजन को भी या तो नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने की जरूरत हुई होगी या फिर उन्होंने टीका ले रखा होगा तो उसका प्रमाण। इस बात की संभावना नहीं दिखती कि रेस्तरां में उनसे किसी वेटर ने वैक्सीनेशन का प्रमाण मॉंगा होगा या फिर पीएम मोदी की तस्वीर देख उनसे चर्चा की होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया