इस्लामी आतंक पर हमें खुल कर बोलना चाहिए, फ्रांस की तरह | Ajeet Bharti on Islamic terror needs French treatment

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले दिनों खुल कर कहा कि इस्लाम एक ऐसा मजहब है, जिसके कारण विश्व भर में कई संकट उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता पर भाषण देते हुए इस्लाम पर जो यह टिप्पणी की, उसकी सच्चाई जाहिर तौर पर आज दिखती सभी को है लेकिन लोग इसे कट्टरपंथ कहकर छिपा देते हैं।

ये बात और है कि वैश्विक आतंक से लेकर खून से सनी लगभग हर घटना इस्लाम के नारों, प्रतीकों, विचारों का परिणाम होती है। मगर, तब भी ‘सच्चे इस्लाम’ का हवाला दे देकर ये कहने की कोशिश की जाती है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता और जो सेकुलर होता है, उसे ही इस ‘असली इस्लाम’ का ज्ञान होता है।

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अजीत भारती: पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी