उत्तर प्रदेश के मेरठ के सदर थाना क्षेत्र की भूसा मंडी में कल (मार्च 6, 2019) अवैध निर्माण तोड़ने पर बवाल और आगजनी की घटना सामने आई। भूसा मंडी में स्थानीय लोगों ने अवैध निर्माण हटाने के लिए गई कैंटोनमेंट बोर्ड और पुलिस की टीम से विरोध जताते हुए हाथापाई शुरू कर दी और पुलिसकर्मियों का वायरलेस भी छीन लिया।
इतना ही नहीं, उग्र भीड़ ने पुलिस को पीटा भी और दिल्ली रोड पर पथराव करके काफ़ी अराजकता भी फैलाई। इसके बाद उपद्रवियों ने करीब 200 से ज्यादा झुग्गी झोपड़ी में आग लगा दी। जिससे वहाँ कई सिलेंडरों के फटने से स्थिति और भी अधिक भयावह हो गई। साथ ही इन आग की लपटों की चपेट में एक धार्मिक स्थल भी आ गया।
उत्पात मचाने के बाद भीड़ ने दिल्ली रोड पर निजी वाहनों और रोडवेज बसों में भी तोड़फोड़ करके जमकर लूटपाट की। गनीमत सिर्फ़ इतनी रही कि वहाँ आम लोगों के संयम और सूझ-बूझ से शहर दंगे की आग में जलने से बच गया।
इस मामले में कैंट बोर्ड के सीईओ प्रसाद चव्हाण की ओर से मछेरान निवासी नदीम, समर, मुमताज, रहीसुद्दीन समेत 250 लोगों के ख़िलाफ़ थाना सदर में केस दर्ज कराया गया है। साथ ही 7 लोगों को हिरासत में भी लिया गया। बताया जा रहा है कि हमले में कैंट बोर्ड सुपरवाइजर राजकुमार, मोहन, हीरालाल, एसओ सदर बाजार विजय गुप्ता समेत कई लोगों को चोटें भी आईं हैं।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार पूरा मामला कुछ यूँ है कि, भूसा मंडी में बड़ी संख्या में झुग्गी-झोंपडी सहित पक्के मकान बने हुए हैं। जहाँ रहीसु नाम का व्यक्ति अपने मकान का निर्माण करवा रहा था। बुधवार (मार्च 6,2019) दोपहर कैंटोनमेंट बोर्ड की टीम और सदर थाने की पुलिस ने निर्माण को अवैध बताकर ध्वस्त कर दिया। इसे लेकर वहाँ रहने वाले लोगों और टीम के अधिकारियों में झड़प शुरू हो गई।
इसके बाद गुस्साई भीड़ ने कैंट बोर्ड के एक कर्मचारी को पीट दिया। बवाल बढ़ने की सूचना मिलने पर पहुँची सदर थाने की पुलिस से भी हाथापाई हुई। इसके बाद बवाल बढ़ता ही चला गया। आग से घरों में बड़ी संख्या में बकरियों और अन्य पशु जो बँधे रह गए आग में जलकर मर गए। डीएम-एसएसपी सहित पूरे जिले के पुलिस-प्रशासनिक अमले ने मौके पर पहुँचकर भीड़ को शांत कराया और आग बुझाने का प्रयास किया।