नौसेना में अग्निपथ योजना के तहत 1 जुलाई से पंजीकरण, सेवाकाल समाप्ति पर मर्चेंट नेवी में सीधे लिए जाएँगे अग्निवीर

अग्निपथ नेवी (फोटो साभार: Social Media)

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) की महत्वाकांक्षी अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर जारी हिंसा और विपक्षियों के विरोध के बीच भर्ती की घोषणाएँ जारी हैं। एयरफोर्स के बाद अब नौसेना ने अग्निवीरों का भर्ती कैलेंडर जारी किया है।

इंडियन नेवी की भर्ती प्रक्रिया को लेकर नौसेना के कार्मिक प्रमुख (COP) वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा, “हमारा भर्ती कैलेंडर 25 जून के लिए तय किया गया था, लेकिन यह कल 22 जून से शुरू होगा। ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू होगी।”

चार साल तक सेना में सेवा देने के बाद अग्निवीरों के भविष्य को लेकर जारी बहस के बीच त्रिपाठी ने कहा, “DG शिपिंग आदेश के अनुसार, 4 साल के प्रशिक्षण के बाद अग्निवीरों सीधे मर्चेंट नेवी में जा सकते हैं।”

रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, “अग्निपथ योजना तीन चीजों को संतुलित करती है। पहली, सशस्त्र बलों की युवा प्रोफ़ाइल, दूसरा तकनीकी जानकारी एवं सेना में शामिल होने वाले अनुकूलनीय लोग और तीसरा, व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करना।”

सबसे पहला भर्ती गाइडलाइन जारी करते हुए वायुसेना ने कहा था कि अग्निवीरों को अपनी चार साल की नौकरी पूरी करनी होगी। इससे पहले वे फोर्स नहीं छोड़ सकेंगे। ऐसा करने के लिए उन्हें अधिकारी की सहमति लेनी होगी। इसके साथ ही 18 साल से कम उम्र के अग्निवीरों को अपने माता-पिता या अभिभावक की सहमति आवश्यक होगी।

गाइडलाइन में अग्निवीरों की छुट्टी और मेडिकल फैसिलिटी से संबंधित संशयों का निराकरण किया गया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि अग्निवीर सभी सैन्य सम्मान और पुरस्कार के हकदार होंगे। इन्हें साल में तीस दिन की छुट्‌टी दी जाएगी। इसके अलावा, बीमार होने पर डॉक्टर की सलाह पर सिक लीव भी मिलेगी।

अग्निवीरों की भर्ती 17.5 से 21 साल के बीच के आयु वालों की और फिजिकल फिटनेस एवं शैक्षणिक योग्यता के आधार पर की जाएगी। 18 साल से कम आयु के अभ्यर्थियों को अपने माता-पिता या अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी। चुने जाने के बाद उन्हें मिलिट्री की ट्रेनिंग दी जाएगी।

अग्निवीरों की ड्रेस तय होगी और उन्हें अपनी वर्दी में ही ड्यूटी करनी होगी। किसी भी ड्यूटी के लिए कहीं भी भेजा जा सकता है। इस दौरान उन्हें मेडिकल फैसिलिटी और कैंटीन की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, वेतन के साथ-साथ रिस्क, हार्डशिप, ड्रेस एवं ट्रैवल अलाउंस भी दिया जाएगा। अग्निवीरों को 48 लाख रुपए का बीमा कवर दिया जाएगा।

अगर कोई अग्निवीर अपनी सेवाकाल के दौरान वीरगति को प्राप्त होता है तो उसके परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी जाएगी। विकलांगता पर एक्स-ग्रेशिया और बची हुई नौकरी की वेतन और सेवा निधि की 10.04 लाख सहित राशि दी जाएगी।

अगर सेवाकाल के दौरान किसी अग्निवीर की मौत हो जाती है तो उसे 48 रुपए की बीमा राशि, सेवा निधि और बाकी बचे सेवा काल का वेतन दिया जाएगा। चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ऐसे लोगों को अग्निवीर का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

इसके अलावा, मेडिकल ट्रेडमैन को छोड़कर भारतीय वायुसेना के नियमित कैडर में उन्हीं अभ्यर्थियों को लिया जाएगा, जिन्होंने अग्निवीर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया है। सेना या किसी अन्य फोर्स में इनकी नियुक्ति सरकारी नियमों के अनुसार ही होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया