मेजर जनरल सुभाष शरण ने श्रीमद्भगवद्गीता को लेकर महत्वपूर्ण बात कही है। जनरल शरण ने कहा की श्रीकृष्ण के मुख से निकली गीता एक ‘Military Manual (सैन्य नियमावली)’ है और सेना के हर जवान को इसका अनुसरण करना चाहिए। जनरल शरण उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आर्मी में भर्ती के एडिशनल डायरेक्टर जनरल हैं। मेजर जनरल ने कहा कि गीता हमें हमारे जीवन में आने वाले सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रखती है। रिक्रूमेंट रैली के पहले राउंड के बाद शुक्रवार (जून 21, 2019) को मेरठ पहुँचे जनरल शरण ने ये बातें कहीं। पहले राउंड की प्रक्रिया बागपत के बड़ौत में 25 मई से 15 जून तक चली थी।
मेजर जनरल शरण ने कहा कि गीता में वो सारी शिक्षाएँ हैं, जिसे एक युद्ध के मैदान में दी गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गीता किसी ख़ास रिलिजन की पुस्तक नहीं है, युवाओं को इसे ज़रूर पढ़ना चाहिए क्योंकि ये हमें जीवन में आने वाली हालातों के लिए पहले से ही तैयार करती है। उन्होंने कहा कि ये एक ऐसी सैन्य नियमावली है जो युद्ध के मैदान में सामने आई थी। उन्होंने कहा, “किसी युद्ध के मैदान में हम केवल युद्ध की ही बात करते हैं और इसीलिए गीता को मैं एक सैन्य नियमावली मानता हूँ।“
मेजर जनरल सुभाष शरण ने इस बात की याद दिलाई कि अमेरिकी सेना ने अपने जवानों को इराक़ में तैनात करने से पहले भगवद्गीता की प्रतियाँ दी थीं और ये पुस्तकें उन्होंने भारत से ख़ास निवेदन कर के मँगवाई थी। शरण के अनुसार, अमेरिका ने भारत से भगवद्गीता की 30,000 प्रतियाँ मँगाई थी ताकि अपने सैनिकों को ‘कर्म योग’ का महत्व समझा सके। इसका अर्थ हुआ कि अपने शत्रु से बिना इस बात की परवाह किए लड़ाई करना कि अंत में क्या होने वाला है या क्या परिणाम निकलने वाले है।
“Americans took 30,000 copies of Bhagavad Gita to teach their army Karma Yoga in Iraq war” – Maj. Gen. Subhash Sharan during army recruitment in UP, “Gita is a must read military manual”
— Dr Praveen Patil (@5Forty3) June 22, 2019
Secular outrage about Hinduisation of Indian army hasn’t begun yet?https://t.co/iaPXHfZUbv
भर्तियों व रोज़गार की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष पिछले वर्ष के मुक़ाबले डेढ़ गुना ज्यादा भर्तियाँ निकाली गई हैं। उन्होंने कहा कि वे और भी ज्यादा भर्तियाँ चाहते हैं, ख़ासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए पिछले वर्ष 900 भर्तियाँ निकली थीं जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़ कर 1500 हो गई हैं।
मेजर जनरल शरण ने भारतीय महिलाओं द्वारा सेना में ‘जवान’ के रूप में शामिल होकर इतिहास रचने का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि महिलाओं की भर्तियाँ इसी वर्ष अगस्त-सितम्बर में शुरू हो जाएगी। ये प्रक्रिया लखनऊ में होगी। इन महिलाओं की ट्रेनिंग अगले वर्ष 2020 में जनवरी से शुरू होगी। जनरल शरण ने कहा कि यह तो सिर्फ़ एक शुरुआत है, जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता जाएगा, महिलाओं को सेना में अन्य प्रकार की भूमिकाएँ भी दी जाएँगी।