उमड़ने लगा ‘बुरहान वानी प्रेम’… आतंकवादी को ‘शहीद’ साबित करने में जुटे अलगाववादी

बुरहान वानी का समर्थन करता हुआ व्यक्ति

आज ट्विटर पर तमाम पाकिस्तानी और कश्मीर अलगाववादी एक आतंकवादी को याद कर रहे हैं। आज से ठीक चार साल पहले भारी सेना ने आतंकवादी बुरहान वानी को मार गिराया था। उसी की मौत को आज अलगावादियों का एक बड़ा समूह याद कर रहा है। ट्विटर पर उसकी तारीफ में यह समूह जुटा हुआ है। साथ ही ये लोग कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने का विरोध भी कर रहे। 

आज ट्विटर पर इस तरह के ट्वीट की भरमार है, जिसमें सिर्फ बुरहान वानी का ज़िक्र हो रहा है। लेकिन अफ़सोस एक आतंकवादी के तौर पर नहीं बल्कि एक शहीद के तौर पर। 

https://twitter.com/SH_aM_4/status/1280713914213453824?ref_src=twsrc%5Etfw

पाकिस्तान के लोग बुरहान वानी को शहीद का दर्जा दे रहे हैं। 

https://twitter.com/F_J_ISP/status/1280720584704503808?ref_src=twsrc%5Etfw

इनमें से कुछ लोग उसे नस्लीय घृणित वामपंथी चे ग्वेरा का भी दर्जा दे रहे हैं। 

https://twitter.com/BEEEEEEENISH/status/1280722858931417088?ref_src=twsrc%5Etfw https://twitter.com/SafiaAfaqi/status/1280706248816590848?ref_src=twsrc%5Etfw

संभावित रूप से पाकिस्तान का ट्वीटर एकाउंट, तुर्की महिला के नाम से बुरहान वानी की प्रशंसा कर रहा है। 

https://twitter.com/esbilgicreal/status/1280692830919364608?ref_src=twsrc%5Etfw

सकीबुल नाम का व्यक्ति, जिसके ट्विटर नाम के ठीक आगे बंग्लादेश का झंडा लगा है, वह बंग्लादेश से होने का दावा कर रहा है। उसने बुरहान वानी को शहीद बताया है। 

https://twitter.com/SakibulHoque8/status/1280564210078896128?ref_src=twsrc%5Etfw

एक और ट्विटर एकाउंट जो खुद कश्मीर से होने का दावा कर रहा है, उसने यह लिखा कि वानी के मरने के बाद घाटी में कई वानी पैदा होंगे।

https://twitter.com/lost_in_kashmir/status/1280516831988547585?ref_src=twsrc%5Etfw

साल 2016 के जुलाई महीने में सुरक्षाबलों और आतंकवादी बुरहान वानी के बीच काफी गोलीबारी हुई थी। अनंतनाग ज़िले के कोंकणनाग में चली इस गोलीबारी के दौरान सुरक्षाबलों ने बुरहान वानी को मार गिराया था।

पिछले कई सालों से सुरक्षाबल इस आतंकवादी की तलाश में जुटे हुए थे। हैरानी की बात यह थी कि वानी की मौत के बाद तमाम लोग और मीडिया समूह उसकी छवि बतौर ‘शहीद’ स्थापित करने में जुट गए थे। 

मशहूर ‘पत्रकार’ बरखा दत्त ने बुरहान वानी को ‘स्कूल के हेडमास्टर का बेटा’ बताया था। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सेना को शुभकामनाएँ देने की जगह बुरहान वानी की चिंता में अधिक व्यस्त थे। सामाजिक कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने इस कार्रवाई पर खेद जताते हुए इसे असंवैधानिक बताया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया