लक्षद्वीप में बनेगा बहूद्देश्यीय एयरपोर्ट: लड़ाकू विमान करेंगे हिंद और अरब सागर की निगरानी, पर्यटक भी पहुँचेंगे आसानी से

प्रतीकात्मक चित्र (चित्र साभार: Business Today & HAL)

मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारत और प्रधानमंत्री मोदी पर की गई टिप्पणी से शुरू हुए विवाद के बीच लक्षद्वीप चर्चा में है। सोशल मीडिया पर यूजर्स लोगों को मालदीव की बजाय लक्षद्वीप जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस बीच भारत सरकार ने लक्षद्वीप में नया एयरपोर्ट बनाने की तैयारी की। इसका उपयोग सामरिक और नागरिक दोनों ही उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह एयरपोर्ट लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप में बनाया जाएगा। पहले भी इसकी योजना बन चुकी है, लेकिन वह सिर्फ वायुसेना अड्डे के रूप में विकसित किया जाना था। हालाँकि, अब नागरिक विमान भी यहाँ से उड़ सकेंगे। इस पर काम जल्द ही चालू होने की आशा है। लक्षद्वीप में इस समय अगत्ती द्वीप पर ही एक एयरपोर्ट है। नया एयरपोर्ट बनने से टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल वायुसेना, नौसेना और कोस्ट गार्ड भी कर सकेंगे। इसके कारण हिंद महासागर और अरब सागर में भारत की पैठ भी मजबूत होगी। इसके साथ ही हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। सामरिक रूप से यह इलाका भारत के काफी महत्वपूर्ण है।

मिनिकॉय द्वीप लक्षद्वीप का सबसे दक्षिण में स्थित द्वीप है। यह भारत की मुख्य भूमि यानी केरल के तिरुअनंतपुरम के तट से लगभग 400 किलोमीटर दूर है। मिनिकॉय लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। इस द्वीप पर लगभग 10,000 की आबादी रहती है।

गौरतलब है कि हाल ही में मालदीव की मोहम्मद मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्री मरियम शिनुआ, मालशा शरीफ और अब्दुल्ला मह्जूम समेत पार्टी के कई सदस्यों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थीं। मरियम शिनुआ ने प्रधानमंत्री मोदी को इजरायल की कठपुतली कहा था। इनकी अभद्रता प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लक्षद्वीप दौरे की अपनी तस्वीरें डालने के बाद सामने आई थी।

भारत के नाराज होने के बाद मालदीव की सरकार ने इन मंत्रियों को निलंबित कर दिया है। एक बयान में वहाँ की सरकार ने कहा था कि मालदीव की सरकार ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है और यह इन व्यक्तियों के निजी मत हैं। मालदीव के दो पूर्व राष्ट्रपति और मालदीव की राजनीतिक पार्टियों ने भी मुइज्जू सरकार के मंत्रियों की आलोचना की थी।

मालदीव सरकार के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों के कारण भारत में मालदीव के प्रति उबाल आ गया और लोगों ने मालदीव के रवैये की आलोचना शुरू कर दी। एक्स (पहले ट्विटर) पर भी इसको लेकर लगातार अभियान चलाया गया। भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति की गई टिप्पणियों को राजनयिक स्तर पर भी मालदीव के साथ उठाया।

भारत द्वारा मामले को राजनयिक स्तर पर उठाने के बाद मालदीव के हाई कमिश्नर इब्राहीम शहीब को विदेश मंत्रालय ने तलब किया था। मालदीव के हाई कमिश्नर 8 जनवरी, 2024 को सुबह नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्रालय पहुँचे। उन्हें यहाँ कुछ ही मिनटों के लिए बुलाया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर अपमानजनक टिप्पणियाँ करने के कारण कई बॉलीवुड सितारों और हस्तियों ने मालदीव के रवैये की निंंदा की थी। साथ ही लक्षद्वीप को बढ़ावा देने वाले ट्वीट किए थे। इन ट्विट्स में उन्होंने कहा था कि वह लोग भी लक्षद्वीप जाएँगे। वहीं, ऑनलाइन ट्रैवल कम्पनी EaseMyTrip ने भी कहा था कि वह मालदीव की फ्लाइट टिकट बुक करना बंद कर देंगे।

वर्तमान में मालदीव की सरकार बैकफुट पर है। मालदीव एसोसिएशन ऑफ़ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने मालदीव के मंत्रियों के भारत के खिलाफ दिए गए बयानों की आलोचना की है। भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक संस्था कन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने देश के सभी कारोबारियों से अपील की है कि वे मालदीव के साथ व्यापार ना करें। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया