कश्मीर में आम लोगों को मार रहे हैं ‘हाइब्रिड टेररिस्ट’, जानिए कैसे करते हैं काम: आतंकियों के सफाए के लिए अमित शाह ने भेजे एक्सपर्ट्स

प्रतीकात्मक तस्वीर

जम्मू-कश्मीर में हाल के समय में आतंकियों द्वारा आम नागरिकों को निशाना बनाने के कई मामले सामने आए हैं। रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान की शह पर हाइब्रिड आतंकी (Hybrid Terrorists) इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं। इधर शिक्षकों की हत्या के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकियों के सफाए के लिए आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञों की टीम कश्मीर भेजी है। यह टीम स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर काम करेगी।

आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स के ‘हाइब्रिड आतंकियों’ ने ही गुरुवार (7 अक्तूबर 2021) को श्रीनगर के ईदगाह इलाके के सरकारी स्कूल पर हमला कर एक हिन्दू और एक सिख शिक्षक की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक लम्बी बैठक कर अर्धसैनिक बलों से आतंकियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के लिए कहा। साथ ही तपन डेका की अगुवाई में एक्सपर्ट्स की एक टीम भी घाटी में भेजी गई है। हमलवारों के साथ साजिशकर्ताओं से भी निपटने का टास्क इस टीम को दिया गया है। 1988 बैच के IPS अफसर तपन डेका इस से पहले असम में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के विशेष डायरेक्टर की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

शीर्ष सरकार सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया है कि हालिया हत्याओं को हाइब्रिड आतंकियों ने अंजाम दिया है। इन्हें पार्ट टाइम आतंकी भी कहते हैं। ये आतंकी सामान्य लोगों की तरह जिंदगी जीते हैं। इशारा मिलने पर आम नागरिकों को छोटे हथियार से निशाना बनाते हैं और फिर अपनी सामान्य जिंदगी जीने लगते हैं। इसके कारण ये लंबे समय से एजेंसियों की नजर में आने से बचे रहते हैं। छोटे हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना और छिपाना भी आसान होता है।

हमले में प्रयुक्त पिस्टल जैसे छोटे हथियारों को लेकर सुरक्षा अधिकारियों को शक है कि उन्हें सीमा पार से पाकिस्तान ने ड्रोन से गिराया होगा। IG विजय कुमार ने कहा है कि आतंक के इस नए रूप को अभियान चला कर जल्द ही खत्म किया जाएगा। उनके अनुसार सुरक्षा बलों के कठोर एक्शन के बाद आतंकियों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और अब उन्होंने आम नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया