UP के अमेठी में भारत और रूस मिलकर बनाएँगे AK-203 राइफलें, 5 लाख राइफलों की खरीद के लिए 5100 करोड़ रुपए मंजूर

UP के अमेठी में बनेंगी रूस की AK 203 रायफलें (चित्र प्रतीकात्मक)

रूस में डिजाइन की गई AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण अब उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में होगा। वर्तमान में इंसास राइफल का इस्तेमाल सुरक्षाबल करते हैं। अब इनकी जगह AK-203 का प्रयोग किया जाएगा। सरकार ने 5 लाख राइफलों के निर्माण की मंजूरी दी है। इस कदम से ना सिर्फ भारत-रूस संबंधों में मजबूती आएगी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी अभियान ‘मेक इन इंडिया’ को भी बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी ने इस निर्णय पर बुधवार (1 दिसम्बर 2021) को अंतिम मुहर लगा दी। इस परियोजना के लिए 5,100 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन राइफलों का निर्माण अमेठी जिले के कोरवा गाँव में होगा। इस परियोजना से रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश का भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र में और कद बढ़ेगा।

यह प्रोजेक्ट भारत और रूस का साझा अभियान है और इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) नाम की संयुक्त कंपनी इन राइफलों का निर्माण करेगी। इसमें रूस तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा। पिछले महीने ही भारत के DAC (डिफेन्स एक्विजिशन काउंसिल) ने भारत में AK-203 राइफलों के निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी थी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 6 दिसंबर को होने वाली आगामी भारत यात्रा में रक्षा संबंधी और बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है।

AK-203 में कई खूबियाँ हैं। नई तकनीक पर आधारित इस राइफल का वजन 3.8 KG और लंबाई 705 MM है। इसे AK-47 का अपडेटेड वर्जन भी कहा जाता है। यह 300 मीटर तक दुश्मन को मार गिराने में सक्षम है। 7.62 X 39 MM कैलिबर वाली यह राइफल भारत के सुरक्षा बलों को आतंकवाद विरोधी व अन्य अभियानों और और अधिक मारक क्षमता प्रदान करेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया