4 राज्य-PFI के 16 ठिकाने, NIA ने एक साथ मारी रेड: बिहार के कई जिलों में कार्रवाई कर रही है एजेंसी, दरभंगा का डेंटिस्ट भी रडार पर

PFI के खिलाफ NIA का बड़ा एक्शन (प्रतीकात्मक फोटो)

प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। देश के चार राज्यों में एक साथ पीएफआई से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। इन राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा शामिल हैं। सबसे ज्यादा 12 जगहों पर बिहार में कार्रवाई हुई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में दो और पंजाब तथा गोवा में एक-एक जगहों पर एजेंसी ने दबिश दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनआईए की कई टीमों ने एक साथ पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। मध्य प्रदेश के खण्डवा में भी छापेमारी की बात कही जा रही है। हालाँकि एसपी ने किसी भी कार्रवाई की जानकारी होने से इनकार कर दिया।

एनआईए ने बिहार के दरभंगा के उर्दू बाजार में स्थित डेंटिस्ट डॉ. सारिक रजा और सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गाँव मे महबूब नामक व्यक्ति के घर पर छापेमारी की। हालाँकि महबूब को एनआईए की कार्रवाई की पहले ही भनक लग गई। वह मौके से फरार हो गया। एनआईए ने उसके घरवालों से पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि सारिक रजा और महबूब दोनों ही PFI से जुड़े हुए हैं।

इसके अलावा, NIA की एक टीम ने बिहार के मोतिहारी जिले के चकिया के कुँआवा गाँव में सज्जाद अंसारी के घर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि सज्जाद बीते 14 महीनों से सऊदी अरब में नौकरी कर रहा है। छापेमारी के बाद जाँच एजेंसी ने सज्जाद के घर से कुछ कागजात बरामद किए हैं। एनआईए ने यह छापेमारी मोतिहारी जिले के चकिया अंतर्गत हरपुर किशुनी निवासी मोहम्मद इरशाद की निशानदेही पर की। इरशाद पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।

यही नहीं, एनआईए ने बिहार के मधुबनी जिले के बाबूबरही थाना क्षेत्र के बरहारा गाँव मे शहाबुद्दीन नामक व्यक्ति के घर पहुँची। हालाँकि उसके घर में कोई नहीं मिला। इसके अलावा एनआईए ने कटिहार में भी पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की।

केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अब तक एनआईए कई बार छापेमार कार्रवाई कर चुकी है। इस छापेमारी में PFI के कई बड़े नेता और कैडर जाँच एजेंसी के हत्थे चढ़ चुके हैं। अब इन्हीं नेताओं और कैडरों की निशानदेही व इंटेलिजेंस एजेंसी के इनपुट पर एनआईए लगातार इस तरह की कार्रवाई कर रही है। माना जा रहा है कि पीएफआई के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद निचले स्तर के लोग एक बार फिर संगठन को खड़ा करने में जुटे हुए हैं। ज्ञात हो कि देश विरोधी और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने PFI पर प्रतिबंध लगाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया