मनसुख हिरेन मामले में कोर्ट ने महाराष्ट्र ATS की जाँच को रोका, कहा- NIA को सौंप दिया जाए केस

अब मनसुख हिरेन मौत के मामले में NIA करेगी जाँच

मुंबई के एंटीलिया केस में काली स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में आज (मार्च 24, 2021) ठाणे के सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र एटीएस को मनसुख हिरेन मामले में उनकी जाँच को रोकने के आदेश दिए और पूरा केस राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को सौंपने को कहा। 

बता दें कि इससे पहले एनआईए ने विशेष अदालत को इस बारे में सूचित किया था कि गृह मंत्रालय के आदेश के बाद भी महाराष्ट्र एटीएस ने मामले से संबंधित दस्तावेज राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को नहीं सौंपे हैं। एजेंसी के सूत्रों ने यह भी बताया था कि उन्होंने हर जरूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए महाराष्ट्र डीजी को भी इस संबंध में सूचित किया था लेकिन फिर भी उन्हें सहयोग नहीं मिला।

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उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही NIA को इस मामले की जाँच सौंपी थी। लेकिन 21 मार्च को अचानक महाराष्ट्र एटीएस के DIG शिवदीप लांडे ने दावा किया कि मनसुख हिरेन की मौत का मामला सुलझा लिया गया है।

इस दौरान उन्होंने बिना कोई खास डिटेल दिए बताया कि मनसुख हिरेन की मौत के मामले में मुम्बई पुलिस के कांस्टेबल विनायक शिंदे और नरेश धारे समेत एक बुकी को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें अदालत में पेशी के बाद कोर्ट ने 30 मार्च तक एटीएस की कस्टडी में भेज दिया है।

इस केस में ATS के एक अधिकारी ने जानकारी दी थी कि शनिवार देर रात को एक पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और एक सटोरिये नरेश धारे की गिरफ़्तारी हुई है। महाराष्ट्र ATS के DIG शिवदीप लांडे ने अपने फेसबुक पोस्ट में भी मनसुख हिरेन की हत्या की गुत्थी को सुलझाने का दावा करते हुए अपनी टीम के सभी साथियों को सैल्यूट किया था।

दिलचस्प बात यह थी कि एनआईए, एंटीलिया के बाहर पाए गए विस्फोटकों से लदी कार और सचिन वाजे प्रकरण की जाँच पहले से ही कर रही थी और ATS के खुलासे से एक दिन पहले ही मनसुख हिरेन की हत्या का मामला भी NIA को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सौंपा था

मनसुख हिरेन केस

पिछले दिनों मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के बाहर एक विस्फोटक लदी SUV कार पार्क की हुई मिली थी। इसके मालिक मनसुख हिरेन की शुक्रवार (मार्च 5, 2021) को लाश मिली थी। यह घटना तब हुई थी जब विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिरेन की सुरक्षा का मुद्दा कुछ ही घंटों पहले उठाया था। लेकिन समय रहते मुंबई पुलिस और उद्धव सरकार द्वारा कोई एक्शन न लेने के कारण मुम्ब्रा की खाड़ी में उनकी लाश मिली। उनकी पत्नी ने उसी समय मुंबई पुलिस के आत्महत्या के दावों को नकार दिया था और केस की पूरी जाँच में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की भूमिका सामने आई थी। अब सचिन वाजे से जुड़े आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया