पाक सेना और सरकार ने रची थी अमरनाथ यात्रा पर लोन वुल्फ अटैक की साजिश, पहुॅंचे RAF के जवान

अमरनाथ यात्रा पर नापाक नजर

अमरनाथ यात्रा पर ‘लोन वुल्फ अटैक’ की साजिश रची गई थी। इसमें पाकिस्तानी सेना और वहॉं की सरकार भी शामिल थी। शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से एएनआई ने यह जानकारी दी है। लोन वुल्फ अटैक ऐसे हमले को कहते हैं जिसे अकेला आतंकी अंजाम देता है। यूरोप में ऐसे कई हमले अंजाम दिए जा चुके हैं। इस बीच, RAF के जवान जम्मू पहुँच गए हैं।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को यात्रियों और पर्यटकों से घाटी से जल्द से जल्द लौटने को कहा था। शनिवार को किश्तवाड़ के माछिल में दुर्गा यात्रा भी स्थगित कर दी गई। सूत्रों ने बताया, “अमरनाथ यात्रा में रुकावट डालने के लिए पाकिस्तानी सरकार और सेना ने साजिश रची थी। घाटी में तलाशी अभियान के दौरान पाकिस्तानी आयुध कारखाने में तैयार काफी असलहा बरामद हुए हैं।”

उन्होंने कहा कि लोन वुल्फ अटैक कल्पना न होकर सच्चाई है। पुलवामा इसका एक नमूना है। इस तरह के हमले में पाकिस्तानी सेना के लैंडमाइंस और हथियारों का इस्तेमाल भारी तबाही मचा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार खतरा केवल घाटी तक सीमित नहीं है और दो सप्ताह बाद 15 अगस्त है। ऐसे में सरकार ने एहतियातन कदम उठाने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि सेना ने शुक्रवार को खुफिया जानकारियों का हवाला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसके तुरंत बाद, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों से घाटी की अपनी यात्रा में ‘‘कटौती करने’’ और जल्द से जल्द लौटने को कहा था। यात्रा मार्ग से हथियार और विस्फोटक बरामद होने की सूचना देते हुए सेना ने कहा था कि सुरक्षा बल तीर्थयात्रियों पर हमले के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1157233063765651457?ref_src=twsrc%5Etfw

बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों को अमरनाथ यात्रा पर हमले की साजिश रचे जाने के लगातार इनपुट मिल रहे थे। हमले को अंजाम देने के लिए गुलाम कश्मीर के नेजापीर सेक्टर से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। इसके अलावा श्रीनगर-बारामुला-उरी हाइवे पर सेना के काफिले को भी आईईडी धमाके से निशाना बनाने की योजना थी। इसके लिए आईईडी सीमा पार से घाटी में भेजने की जानकारी मिली थी।

https://twitter.com/ANI/status/1157531218856108032?ref_src=twsrc%5Etfw

सैनिकों की तैनाती और विभिन्न आदेशों से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने जैसे कुछ बड़े फैसलों को लेकर अटकलें जोरों पर है। सरकार का कहना है कि ये कदम आतंकी मंसूबों को नाकाम करने तथा सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के मकसद से उठाए गए हैं। लेकिन, जम्मू-कश्मीर के नेताओं की बयानबाजी से अफवाहों का बाजार गरम है। इसके कारण घाटी में लोगों ने राशन और अन्य आवश्यक सामान जमा करने शुरू कर दिए हैं। स्‍कूल बंद होने की अफवाहें फैलाई जा रही है। एटीएम और पेट्रोल पंपों पर भीड़ लग गई है। हालांकि प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर विश्‍वास न करने की सलाह दी है। प्रशासन का कहना है कि राज्‍य में कहीं किसी तरह का कर्फ्यू नहीं लगाया गया है। स्कूल भी बंद नहीं हैं।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार देर रात मिलने आए राज्य के नेताओं को शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की नसीह​त दी थी। साथ ही कहा था कि अमरनाथ यात्रा को लेकर जारी एडवाइजरी और अन्य मसलों को जोड़कर ‘बेवजह का डर’ पैदा किया जा रहा है।

https://twitter.com/ANI/status/1157557394580418560?ref_src=twsrc%5Etfw

शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि अमरनाथ यात्रा क्यों रोक दी गई और इसके पीछे क्या मंशा है, इस पर सरकार को संसद में बयान देना चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया