‘ईद मुबारक’ के मौक़े पर भी जम्मू-कश्मीर में शांति नहीं है। बुधवार को सुबह 8 बजे ईद की नमाज पढ़ने वाले लोगों ने 11 बजे उपद्रवी बनकर सेना पर पत्थरबाजी की। साथ ही पाकिस्तान का झंडा भी फहराया।
खबरों के मुताबिक उपद्रवियों की भीड़ खतरनाक आतंकी जाकिर मूसा के समर्थन में सड़कों पर उतरी हुई है। भीड़ के हाथ में मूसा के पोस्टर है, जिन पर मूसा आर्मी लिखा हुआ है। साथ में इन पोस्टरों पर मसूद अजहर की तस्वीर भी बनी हुई है।
https://twitter.com/ANI/status/1136152626121334784?ref_src=twsrc%5Etfwबता दें जिस जाकिर मूसा के समर्थन में भीड़ सेना पर पथराव कर रही है, वो पिछले महीने आतंकियों और सुरक्षाबल के बीच हुई एक मुठभेड़ में मारा गया है। जाकिर ए डबल प्लस (A++) कैटेगरी का आतंकी था, जिसके ऊपर 20 लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
https://twitter.com/rajanandbjp/status/1136156156051611648?ref_src=twsrc%5Etfwसेना पर पत्थरबाजी की खबर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर आते ही लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों का कहना है कि इस तरह की हरकत के बावजूद भी लोग इन पत्थरबाजों को ‘भटके हुए लोग’ और ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता’ जैसी बातें करेंगे। कुछ लोग सरकार से जल्द से जल्द 370 और 35 ए को खत्म करने की बात कह रहे हैं, तो कुछ गृह मंत्री अमित शाह से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इन पत्थरबाजों को जल्द से जल्द सबक सिखाया जाएगा।
https://twitter.com/ParamRaj14/status/1136155159879397377?ref_src=twsrc%5Etfwट्विटर पर ही एक शख्स ने इस घटना के बारे में पढ़कर लिखा है कि उसका मन करता है कि वो ईद मनाए लेकिन ये सब देखकर वो ईद कैसे मनाए? बबलू पाठक नामक ट्विटर यूजर का कहना है कि भाईचारे की बात सब करते हैं, लेकिन ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती है। हम साथ की बात करते है वो अलगवाद की बात करता है फिर बोलते है हमें कि हम मुस्लिम विरोधी हैं।
https://twitter.com/Bablupathak11/status/1136176012595564544?ref_src=twsrc%5Etfwट्विटर पर लोगों ने महबूबा और उमर फारूक़ पर भी सवाल उठाए हैं, जिन्हें ये पत्थरबाज मासूम लगते हैं। यूजर्स ने पूछा है, “क्या ये है शान्ति का त्यौहार? अगर शान्ति इसे कहते हैं तो आतंकवाद किसे कहते हैं। ऐसा क्या सिखाते हैं जो मस्जिदों से बाहर निकलते ही आतंक फैलाना शुरू करा देते हैं।”
https://twitter.com/Sanjeevarora64/status/1136176804215939072?ref_src=twsrc%5Etfw