यूपी के 30 जिलों में ATS ने मारी ताबड़तोड़ रेड, PFI से जुड़े 55 संदिग्धों को दबोचा: SP नेता अब्दुल खालिक भी हिरासत में

PFI पर UP ATS की बड़ी कार्रवाई (प्रतीकात्मक फोटो, साभार: DH)

प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर शिकंजा कसता जा रहा है। उत्तर प्रदेश की आतंकवाद रोधी शाखा (UP ATS) ने राज्य के 30 जिलों में छापेमारी कर 55 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। ये सभी पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों से जुड़े बताए जा रहे हैं। छापेमारी की यह कार्रवाई शनिवार (6 मई 2023) को शुरू हुई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, PFI से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करने के लिए यूपी एटीएस ने लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर, गाजियाबाद समेत कई शहरों में छापेमारी की। शनिवार (6 मई 2023) रात एटीएस ने गाजियाबाद जिले के मोदीनगर क्षेत्र के कई गाँवों में छापेमारी की। घण्टों तक कार्रवाई के बाद एटीएस ने कलछीना और नेकपुर गाँव से 6 लोगों को हिरासत में ले लिया।

इसके अलावा, एटीएस ने मेरठ के लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र से अब्दुल खालिक अंसारी और अताउर रहमान नामक व्यक्तियों को हिरासत में लिया। अब्दुल खालिक समाजवादी पार्टी का नेता है। वह बुलंदशहर से महानगर अध्यक्ष भी है। वहीं, मवाना थाना क्षेत्र से मोहम्मद मूसा नामक व्यक्ति को हिरासत में लेने की बात सामने आई है।

यही नहीं, लखनऊ के विकास नगर में भी एटीएस ने छापा मारते हुए एक व्यक्ति को हिरासत में लिया। विकास नगर में हुई इस कार्रवाई का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। साथ ही बीकेटी के अचरामऊ गाँव से भी 2 व्यक्तियों को एटीएस अपने साथ ले गई। इनकी पहचान मोहम्मद फरहान और जफर के रूप में हुई। इसके अलावा, रिहाई मंच के अध्यक्ष कथित एक्टिविस्ट मोहम्मद शोएब और एएमयू से पढ़ाई कर रहे नज्म कमर जमां की गिरफ्तारी की बात सोशल मीडिया पर कही जा रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने गत 24 अप्रैल को देशभर के 4 राज्यों में छापेमारी कर PFI से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया था। कार्रवाई बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में हुई। सबसे ज्यादा 12 जगहों पर बिहार में कार्रवाई हुई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में दो और पंजाब तथा गोवा में एक-एक जगहों पर एजेंसी ने दबिश दी थी।

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अब तक एनआईए कई बार छापेमार कार्रवाई कर चुकी है। इस छापेमारी में PFI के कई बड़े नेता और कैडर जाँच एजेंसी के हत्थे चढ़ चुके हैं। अब इन्हीं नेताओं और कैडरों की निशानदेही व इंटेलिजेंस एजेंसी के इनपुट पर एनआईए लगातार इस तरह की कार्रवाई कर रही है। माना जा रहा है कि पीएफआई के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद निचले स्तर के लोग एक बार फिर संगठन को खड़ा करने में जुटे हुए हैं। ज्ञात हो कि देश विरोधी और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने PFI पर प्रतिबंध लगाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया