सेना का हिस्सा नहीं बन पाएगा एक भी उपद्रवी, होगा पुलिस सत्यापन: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी का ऐलान – किसी कीमत पर वापस नहीं लेंगे ‘अग्निपथ’

हिंसक प्रदर्शनकारियों को नहीं मिलेगी सेना में जॉब

अग्निपथ योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर कर किए जा रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी का बयान आया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चेतावनी देकर कहा है कि जो भी कोई युवा सड़कों पर होने वाले उपद्रव का हिस्सा होगा वह अग्निवीर के लिए एप्लाई नहीं कर सकता। 

उन्होंने जानकारी दी कि अभ्यार्थी को इस पोस्ट के लिए आवेदन देने से पहले ये डिक्लेयर करना होगा कि वह किसी प्रकार के दंगों में शामिल नहीं रहा। उन्होंने साफ किया अगर कोई भी युवक ऐसी गतिविधियों में शामिल है फिर वो भारतीय सेना नहीं ज्वॉइन कर सकता।

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने ये भी जानकारी दी कि पहले तो अग्निवीर में साथ जोड़ने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन आदि किया जाएगा। यदि किसी गलती के कारण हिंसक प्रदर्शन में शामिल युवक सेना से जुड़ भी जाता है तो उसकी सच्चाई पता चलने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि भारतीय सेना की नींव अनुशासन है। यहाँ आगजनी और तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हर व्यक्ति को एक प्रमाण दिया जाएगा कि वह ऐसे प्रदर्शन और तोड़फोड़ का हिस्सा नहीं रहा। पुलिस सत्यापन तो 100 % होगा ही, उसके बिना किसी को ज्वाइनिंग नहीं दी जाएगी।”

अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने बताया कि अगर किसी अभ्यार्थी को लेकर ये पता चला कि उसके विरुद्ध एफआईआर हुई थी तो उसे सेना में जुड़ने का अवसर नहीं दिया जाएगा। सेना में अनुशासनहीनता नहीं बर्दाश्त की जाएगी। हर अभ्यार्थी लिखित में देगा कि वो हिंसा या आगजनी में शामिल नहीं थे।

उन्होंने योजना संबंधी जानकारी देते हुए कहा, अभी मंत्रालयों और सेना को इसकी प्रक्रिया और भावी फायदों का डिटेल बनाने में समय चाहिए। ये रातोंरात नहीं हो सकता। रही बात इसे वापसी लिए जाने की तो ये बिलकुल नहीं वापस ली जाएगी। वह पूछते हैं- “आखिर क्यों स्कीम वापस ली जाए। ये एक देश को युवाओं का बनाने के लिए है। आप जानते हैं क्या कि ऊँचाई वाली जगहों पर कितनी जान जाती है? जानें, फिर पता चलेगा हमें युवाओं की जरूरत क्यों है।”

सारे सवालों के जवाबों के साथ लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने ये भी बताया कि अग्निपथ को लेकर जो विरोध प्रदर्शन हुआ उसकी वजह से सरकार ने अपने नियम परिवर्तित नहीं किए, इनके ऊपर पहले से काम किया जा रहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया