मलेशिया में 519 आतंकी गिरफ़्तार: भगोड़े जाकिर नाइक के बोलने पर पहले ही लगा चुका है पाबन्दी

(बाएँ से दूसरे) मलेशियाई पुलिस के इंस्पेक्टर-जनरल अब्दुल हमीद बडोर (चैनल न्यूज़ एशिया से साभार)

आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला जाकिर नाइक जहाँ मलेशिया में शरण लिए हुए है। ऐसे में मलेशिया के गृह मंत्री ने बयान दिया है कि 519 लोगों को जुलाई तक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। इनमें मलेशियाई नागरिक भी शामिल हैं और विदेशी नागरिक भी, लेकिन सोमवार (26 जुलाई) को यह बयान देते हुए हालाँकि गृह मंत्री मुहयिद्दीन यासीन ने विदेशियों और मलेशियाईयों की संख्या अलग-अलग नहीं बताई

बता दें कि आतंकी गतिविधियों के आरोप में भारत में वांछित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के बारे में भी मलेशिया के गृहमंत्री एम. यासीन ने कहा है कि वह कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने कहा, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, डॉ. जाकिर नाइक भी नहीं।  इससे पहले मलेशिया की सरकार ने जाकिर नाइक के भाषण देने पर रोक लगा दी थी। जाकिर भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोपित है, और काफी लम्बे समय से फरार होकर मलेशिया में शरण लिए हुए है।

“इन्हें स्थापित कानूनों के अंतर्गत ही हिरासत में लिया गया है, चाहे वह Prevention of Terrorism Act 2015 (POTA) हो या फिर Security Offences (Special Measures) Act 2012 (SOSMA) हो।” यासीन कुआलालम्पुर में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। “इन लोगों को ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है जिन्हें हम कानूनी रूप से आतंकी मानते हैं, और इन गतिविधियों का प्रभाव (आतंकवाद का ) खतरा बढ़ाने वाला होता है।” यासीन ने इनमें से कुछ लोगों के पहले भी पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार विभिन्न अपराधों के दोषी करार दिए जाने का दावा भी किया।

चैनल न्यूज़ एशिया के अनुसार मलेशियाई पुलिस के इंस्पेक्टर-जनरल अब्दुल हमीद बडोर ने आतंकरोधी छापों के दौरान बरामद पिस्तौलों और कुछ अन्य हथियारों और आतंकी सामग्रियों का प्रदर्शन भी किया। इस साल मई में मलेशिया पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के विघटन के बाद अलग हुए तीन ‘लोन वुल्फ़’ जिहादियों को गिरफ़्तार कर लिया है, जो एक बड़े ‘लोन वुल्फ़’ जिहादी गुट का हिस्सा थे। मलेशिया पुलिस के अनुसार इस गुट के बाकी जिहादियों को उन्होंने पहले ही धर-दबोचा था, और केवल यही तीनों मई तक उनसे बचते फिर रहे थे। उनके अनुसार यह गुट मलेशिया की राजधानी कुआलालाम्पुर स्थित क्लांग घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा और राजीनीतिक हत्याएँ करने की योजना बना रहा था।

मालूम हो कि आईएस का केंद्रीय संगठन इराक-सीरिया में नाटो, रूस, सीरिया सरकार, यज़ीदी विद्रोहियों आदि के हमले में ध्वस्त होने के बाद जो जिहादी मारे जाने या पकड़े जाने से बच निकले, वे अपने-अपने देशों को लौट गए हैं, जिहाद फ़ैलाने के आईएस और उसके सरगना बगदादी के संदेश के साथ। केवल मुशरिकों, काफिरों आदि को मारने की हिंसक विचारधारा ही इनका एक मात्र समान-सूत्र (common thread) है; इसके अलावा इनका न कोई आका या स्थानीय नेटवर्क है, न एक-दूसरे से जान-पहचान या सम्पर्क। इसलिए कोई अनहोनी होने से पहले इनकी पहचान करना, उन्हें पकड़ना या मार गिराना बेहद मुश्किल है।

मई के ही आखिर में मलेशियाई अधिकारियों ने तीन और आतंक के संदिग्धों को पकड़ने की घोषणा की थी, जिनमें से एक मलेशियाई ठेकेदार था, जिसे कुआलालाम्पुर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मिस्र के रास्ते सीरिया जाने की फ़िराक में पकड़ लिया गया।

वहीं दक्षिण-पूर्व एशिया के एक दूसरे पोर्टल नाम न्यूज़ नेटवर्क (NNN) ने मलेशियाई गृह मंत्री मुहयिद्दीन के ही हवाले से यह दावा भी किया है कि एक ऐसे बच्चे और उसके माता-पिता के देश और घर लौटने का प्रार्थनापत्र उन्हें मिला है, जो सीरिया में आईएस के जिहाद में हिस्सा लेने के शक में गिरफ़्तार हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया