ग्रीक से लेकर पोप तक सब हुए अश्वेत, तिलक लगाई लड़की को बीफ खाते दिखाया: गूगल का ‘Gemini’ AI निकला कुछ ज्यादा ही ‘वोक’, CEO को माँगनी पड़ी माफ़ी

गूगल जेमिनी ने इस मामले में माफ़ी माँग ली है (चित्र साभार: Dilip Kashyap/Medium & @IMAO_/X)

गूगल का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सर्च इंजन ‘जेमिनी’ विवादों में फँस गया है। गूगल के जेमिनी पर हिन्दू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है। इसी के साथ ही इस पर गोरी चमड़ी वाले लोगों की उपलब्धियों को नजरअंदाज करने और हर बात में लिबरल विचारधारा घुसाने का आरोप भी लगा है। इसके कारण AI टीम के मुखिया को माफ़ी माँगनी पड़ी है।

यह सारा मामला AI सर्च इंजन से फोटो जनरेट करने को लेकर जुड़ा हुआ है। एक्स (पहले ट्विटर) पर बुधवार (21 फरवरी 2024) को ‘माइक इन स्पेस’ (@mikeinspace/X) नाम के हैंडल ने एक ट्वीट डाला। इसमें उन्होंने बताया, “मैंने गूगल जेमिनी से ‘बिटकॉइनर की स्टीक खाते हुए’ एक इमेज बनाने के लिए कहा और इसने मुझे एक हिन्दू महिला को बीफ़ खाते हुए दिखाया। मुझे लगता है यह गूगल के सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील होने का प्रयास है।”

उन्होंने आखिरी लाइन में गूगल पर तंज कसा, क्योंकि गूगल सदैव ही सभी संस्कृतियों का सम्मान करने का दावा करता है। ऐसे में एक हिन्दू महिला को बीफ खाते हुए दिखाने को लेकर प्रश्न उठ रहे हैं। उन्होंने जो फोटो ट्विटर पर साझा की है, उसमें माथे पर तिलक लगाई हुई एक महिला बीफ खाते हुए दिखती है। ऐसे में उन्होंने प्रश्न उठाया कि जहाँ एक हिन्दू बिटक्वाइनर (बिटक्वाइन बनाने वाला) हो सकता है, वह बीफ कभी नहीं खाएगा।

लोगों ने भी इस बात पर प्रश्न उठाए कि ऐसा क्यों है, जबकि गूगल का सीईओ एक भारतीय हिन्दू है। इसके बाद और भी कुछ ट्वीट वायरल हुए, जहाँ गूगल जेमिनी इतिहास से छेड़छाड़ करता दिखा। जेमिनी से जब एक व्यक्ति ने ग्रीक लोगों की फोटो जनरेट करने को कहा तो Gemini ने उन्हें अश्वेत दिखाया जबकि असल में वह गोरी चमड़ी वाले थे। इसने पोप को भी अश्वेत दिखाया।

इसके बाद जब इससे अमेरिका के संस्थापकों के बारे में इमेज जनरेट करने को कहा गया, तब भी ऐसा ही हुआ। इसने कुछ लोगों को अश्वेत दिखाया।

इससे जब मध्यकालीन योद्धाओं की तस्वीर दिखाने को कहा गया तो इसने इसमें कोई भी यूरोपियन योद्धा को शामिल नहीं किया, जबकि असल में मध्यकाल में बड़ी संख्या में यूरोप में युद्ध हो रहे थे और इसमें गोरी चमड़ी वाले योद्धा शामिल थे।

इससे जब वाइकिंग योद्धाओं की एक फोटो जनरेट करने को कहा गया तो इसने यहाँ काले लोगों को दिखाया, जबकि असल में वाइकिंग योद्धा नॉर्वे जैसे देशों के थे और गोरी चमड़ी वाले थे। इसका परिणामों को बदलना लोगों को गुस्सा दे गया। हालाँकि, जब जेमिनी से ज़ुलु योद्धाओं की फोटो जारी करने को कहा गया तो इसने एकदम सही फोटो जारी की। दरअसल, ज़ुलु अफ़्रीकी योद्धा थे।

पोप को काला दिखाने, ऐतिहासिक तथ्यों को सही से ना प्रदर्शित करने और सब कहीं अफ़्रीकी मूल के लोगों की प्रधानता प्रस्तुत करने के चक्कर में जेमिनी की खूब लानत मलानत हुई। इसके बाद जेमिनी के मुखिया जैक क्राव्जी ने माफ़ी माँगी। जैक गूगल की AI डिवीजन के प्रमुख हैं।

उन्होंने इस विषय में एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “हमें इस बात की जानकारी है कि जेमिनी कुछ ऐतिहासिक लोगों के विषय में गलत इमेज बना रहा है। हम इस समस्या को तुरंत ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक लोगों के विषय में अधिक सावधानी की जरूरत होती है और इसे ऐसा किया जाएगा। हालाँकि, उनके इस बयान पर लोगों ने पूछा कि जेमिनी आखिर अंग्रेज या यूरोपियन लोगों के साथ ही क्यों कर रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया