तौलिया से कटरीना कैफ का सब कुछ ढका था, DeepFake से दिखा दिया: रश्मिका मंदाना और सारा तेंदुलकर भी बन चुकी हैं शिकार

कैटरीना कैफ (तस्वीर साभार: हिंदुस्तान टाइम्स)

रश्मिका मंदाना और सारा तेंदुलकर के बाद अब बॉलीवुड एक्ट्रेस कटरीना कैफ की डीपफेक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस फोटो में कटरीना की ही फोटो में उनके कपड़ों से छेड़छाड़ हुई है और उसे अश्लील दिखाने का प्रयास किया गया है।

कटरीना की जिस फोटो के साथ अभद्रता की गई है वो टाइगर-3 के एक सीन का स्क्रीनशॉट है। सीन में सिर्फ इतना है कि कटरीना की लड़ाई तौलिया लेकर एक विदेशी महिला से हो रही होती है इसी दौरान वो सीन आता है। मगर AI द्वारा जनरेट की गई फोटो में उन्हें बिकनी पहनाया गया है।

असली फोटो में कटरीना के शरीर पर तौलिया ढका है जिसके कारण उनका पेट और उनकी छाती के आसपास का हिस्सा बिलकुल नहीं दिखाई दे रहा है। लेकिन जो वीडियो एडिट करके उनकी शेयर हो रही है उसमें उन्हें ब्रा और पैंटी पहना दी गई है। देख सकते हैं कि उसमें किस तरह से उनके शरीर की फोटो के साथ छेड़छाड़ करके उसे घटिया दिखाने का प्रयास हुआ है।

बता दें कि कटरीना कैफ की तस्वीर से पहले ऐसी ही छेड़छाड़ कई अन्य सेलीब्रिटीज की फोटोज के साथ हुई है। जैसे सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर की फोटो के साथ शुभमन गिल की फोटो एडिट करके जोड़ दी गई जबकि हकीकत में वो अपने भाई के साथ पोज में फोटो खिंचाई थीं।

इसी प्रकार हिरोइन रश्मिका मंदाना का चेहरा एडिट करके भी एक वीडियो वायरल हुई थी। उस वीडियो में उनका चेहरा जारा पटेल नाम की महिला की वीडियो में जोड़ा गया था जो यूजर्स को देखकर नहीं पसंद आया। बाद में पता चला वो रश्मिका का एडिटिड वीडियो है। इसे लेकर साउथ एक्ट्रेस में नाराजगी भी जाहिर की थी और अमिताभ बच्चन ने इस पर लीगल एक्शन लेने को भी जरूरी बताया था।

DeepFake क्या है?

डीपफेक के सम्बन्ध में ‘द गार्जियन‘ के एक लेख में जानकारी दी गई है कि यह सबसे पहले सोशल मीडिया एप रेडिट (Reddit) पर सामने आया था। तब एक Deepfake नाम के यूजर ने टेलर स्विफ्ट, गल गडोट जैसी अभिनेत्रियों के फर्जी पोर्न क्लिप डाल दिए। इसके बाद से ऐसे वीडियो की बाढ़ आ गई।

डीपफेक तकनीक से वीडियो बनाना एक लम्बी प्रक्रिया है। सबसे पहले जिन दो लोगों के चेहरे आपस में बदले जाने हैं उनके हजारों फोटो वीडियो ‘एनकोडर’ नाम के एक AI आधारित प्रोग्राम पर चलाए जाते हैं। यह तकनीक इन दो चेहरों की समानताएँ परखती है। इसके बाद यह तकनीक इन चेहरों को केवल उनकी समानताओं के आधार पर सीमित कर देती है और एक कंप्रेस्ड इमेज बनाती है।

इसके पश्चात एक और AI तकनीक ‘डीकोडर’ से चेहरा तलाशने को कहा जाता है। आसान भाषा में समझे तो इनकोडर को ‘A’ का चेहरा पढ़ने के लिए तैयार किया जाता और डीकोडर को ‘B’ का चेहरा पढ़ने के लिए तैयार किया जाता है। इसके पश्चात दोनों मशीनों से यह चेहरा बनाने को कहा जाता है लेकिन इस स्थिति में इनकोडर को B का और डीकोडर को A का चेहरा बनाने को कहा जाएगा। ऐसे में मान लीजिए कि B उस फोटो में रो रहा है तो नई फोटो में A रोता हुआ दिखेगा।

इसके अलावा एक अन्य तकनीक जिसका नाम ‘जनरेटिव एड्वर्सियल नेटवर्क’ (GAN) है उसके जरिए भी बनाई जाती हैं। इसमें एक गड़बड़ तस्वीर और एक सही तस्वीर डाली जाती है। AI तकनीक इन दोनों के कोड डिकोड करके फोटो को आपस में मिलाती है। इसमें समय लगता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया