₹20 लाख करोड़ के पैकेज से कॉन्ग्रेस सहित लिबरल गिरोह बदहवास, अपने ही बयान से पलटी लिबरल जमात

PM मोदी की घोषणा के बाद लिबरल गिरोह और कॉन्ग्रेस बदहवास हालात में हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही आत्मनिर्भरता और स्थानीय उत्पादन पर जोर देते हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए ₹20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है।

लेकिन इस आर्थिक पैकेज की घोषणा के तुरन्त बाद कॉन्ग्रेस की ओर से जो प्रतिक्रियाएँ आई हैं, उन्हें देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि कम से कम कॉन्ग्रेस के लिए यह काफी नहीं हैं।

मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस ने अपने ट्विटर एकाउंट से लिखा है – “केवल 20 लाख करोड़..? मोदी जी, ये महामारी है, सब कुछ चौपट हो चुका है। जीडीपी का केवल 10% नहीं, कम से कम जीडीपी का 50% तो दीजिए।”

लेकिन ऐसा कर के कॉन्ग्रेस एक बार फिर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार दी है और उसने यह साबित किया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, उसका उद्देश्य मात्र केंद्र सरकार का विरोध करना है।

यदि ऐसा न होता तो कॉन्ग्रेस अपने ही उस बयान से पलटते हुए आज ₹20 लाख करोड़ के पैकेज को कम न बता रही होती जिसमें उन्होंने कुछ ही दिन पहले कहा था कि सरकार कोरोन वायरस की आपदा से निपटने के लिए देश की कुल GDP का कम से कम 5-6% की घोषणा करनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि PM मोदी ने स्पष्ट किया है कि ₹20 लाख करोड़ का यह पैकेज भारत की GDP का तकरीबन 10% है।

https://twitter.com/LOLiyapa/status/1260236634911637504?ref_src=twsrc%5Etfw

वहीं, देश के लिबरल-गिरोह को भी इस घोषणा से खासा ‘परेशान’ होते देखा जा रहा है, जिन्हें कि सोशल मीडिया यूजर्स जवाब भी देते देखे जा सकते हैं –

https://twitter.com/rishibagree/status/1260242180678881280?ref_src=twsrc%5Etfw

आत्मनिर्भर भारत के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए PM मोदी ने अपने भाषण में कहा-

“आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पाँच पिलर्स पर खड़ी होगी: पहला पिलर इकॉनॉमी होगा, एक ऐसी इकॉनॉमी जो इक्रिमेंटल चेंज नहीं बल्कि क्वांटम जंप लाए। दूसरा पिलर इफ्रास्ट्रकचर, एक ऐसा इफ्रास्ट्रकचर जो आधुनिक भारत की पहचान बने। तीसरा पिलर हमारा सिस्टम, एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली तकनीक व्यवस्थाओं पर आधारित हो। चौथा पिलर हमारी डेमोग्राफी, दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी में हमारी डेमोग्राफी हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है। पाँचवा पिलर डिमांड, हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया