पत्रकारिता से जुड़ी हर बड़ी संस्था बेकार हो चुकी है: अशोक श्रीवास्तव, टीवी पत्रकार (डीडी न्यूज)
“मैं मानता हूँ कि जो लोग आज चुप बैठे हैं, वो पत्रकार नहीं, पत्तलकार हैं। जो पत्तल लेकर बैठे रहते हैं कि सरकार उनकी पत्तल में कुछ डाल दे।”
“मैं मानता हूँ कि जो लोग आज चुप बैठे हैं, वो पत्रकार नहीं, पत्तलकार हैं। जो पत्तल लेकर बैठे रहते हैं कि सरकार उनकी पत्तल में कुछ डाल दे।”
अर्णब को जिस केस का हवाला देकर पकड़ा गया है, वह कुछ समय पहले कोर्ट व प्रशासन द्वारा बंद किया जा चुका है।
जब तुम्हारी किताब में हत्या, लिंचिंग, गुलामों की खरीद-बिक्री, बलात्कार, लूट-पाट सब जायज है, फिर किसी भी विवेकशील व्यक्ति को तुम्हारे मजहब से प्रेम कैसे हो सकता है?
'काणा' साहब ने अपनी पुरानी गजलों/शायरियों को मॉडिफाई किया है। इसमें उन्होंने कौम, जिहाद, काफिर, कुर्बानी का जिक्र करते हुए...
फ्रांस के नीस शहर में एक महीने के अंदर दो आतंकी हमले हुए। 3 लोगों की गर्दन काट दी गई थी। फिर फ्रांस के चर्च में बम रखने की बात…
मुंगेर की माँ की यह तस्वीर भी धीरे-धीरे गायब हो जाएगी। अनुराग की मृत्यु न तो पहली है और न आखिरी। आदर्श नगर का राहुल हो या फिर सुशील, हिंदुओं…
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में तीन मंत्रालयों को संभालने वाले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऑपइंडिया को दिए अपने पहले इंटरव्यू के दौरान कई महत्तवपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि गोलियाँ पुलिस की ओर से चलाई गईं। मगर, एसपी लिपि सिंह ने अपने बयान में दावा किया कि गोलियाँ बदमाशों ने चलाई थीं।
हिंदू पीड़िता और मुस्लिम आरोपित की बात आते ही आखिर क्यों ये सवाल नहीं पूछा जाता कि हिंदुओं की बच्चियों को फर्जी प्रेम में क्यों फँसाया जा रहा है। क्यों…
वैश्विक आतंक से लेकर खून से सनी लगभग हर घटना इस्लाम के नारों, प्रतीकों, विचारों का परिणाम होती है। मगर, 'सच्चे इस्लाम' का हवाला देकर...