व्यंग्य: मुनव्वर राणा का रोस्ट शायरश्रेष्ठ अजीत भारती द्वारा | Ajeet Bharti roasts Munawwar Rana

पेरिस में शिक्षक का सिर कलम किए जाने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैनुएल मैक्रों का रवैया विश्व भर के मुस्लिमों को नागवार गुजरा है। ऐसे में अधिकांश इस्लामी देश जहाँ फ्रांस के उत्पादों का बॉयकॉट करके अपना रोष दिखा रहे हैं, वहीं भारत में उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर ‘काणा’ भी अपने जहरीले बयान के कारण चर्चा में आए हैं।

उन्होंने पेरिस घटना के बाद अपनी पुरानी गजलों/शायरियों को मॉडिफाई किया है। इन गजलों/शायरियों में उन्होंने अपने उन सभी बिंबों को तोड़ा है, जिसमें वह माँ के प्रेम में सराबोर नजर आते थे और वाह-वाही लूटते थे। उन्होंने इस नई किस्म की गजल में कौम, जिहाद, काफिर, कुर्बानी, वैचारिक अब्बू इकबाल का जिक्र करके अपने मजहबी भाइयों के लिए नए साहित्य की रचना की है।

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अजीत भारती: पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी