स्वामी विवेकानंद ही नहीं, शिकागो में इन्होंने भी लहराई थी धर्म की ध्वजा: वो गाँधी, जिन्हें हम भूल गए…
आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें विश्व धर्म संसद में बड़े ध्यान से सुना गया था - स्वामी विवेकानंद के साथ। वो भी…
आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें विश्व धर्म संसद में बड़े ध्यान से सुना गया था - स्वामी विवेकानंद के साथ। वो भी…
केंद्र सरकार के फैसले का कॉन्ग्रेस, वामपंथियों और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग द्वारा विरोध उनके दशकों के प्रयास से गढ़े गए नैरेटिव के ध्वस्त होने की छटपटाहट है और उस…
जिसे 'कृषि विद्रोह' व 'स्वतंत्रता संग्राम' बताया गया, वो मोपला में हिन्दुओं का नरसंहार था। पढ़िए क्या हुआ था 1921 में केरल के मालाबार में।
'भुज' अभिनेता अजय देवगन ने इस बात से आपत्ति जताई कि हमारी इतिहास की किताबों में हमारे देश से ज्यादा विदेशी शासकों के बारे में पढ़ाया जाता है।
मिल्खा सिंह कहते थे अगर वो ट्रैक पर किसी से डरते हैं तो माखन से। 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित उस खिलाड़ी को आजीवन अपमान झेलना पड़ा। गरीबी में हुई थी…
भारत गोल्ड जीत चुका था। बात प्रेस में दबाने के लिए चाहने वाली बिलायती महिला को सेट किया। चाहने वाली पावरफुल थी। उन्होंने प्रेस को सेट किया।
हिन्दू-मुस्लिम दंगे 19वीं शताब्दी के अंत तक महाराष्ट्र में एकदम आम हो गए थे। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक इससे कैसे निपटे, आइए बताते हैं।
उनके बारे में कहते हैं, "यमुना से नर्मदा तक और चम्बल नदी से टोंस तक महाराजा छत्रसाल का राज्य है। उनसे लड़ने का हौसला अब किसी में नहीं बचा।"
“वर्तमान एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में सुधार लाने के नाम पर पेश की जा रही गलत सूचना और पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण से आईएचसी बहुत परेशान है।”
'इस हरम में टीपू सुल्तान और उसके अब्बा की 600 महिलाएँ थीं, जिनकी रखवाली के लिए नपुंसकों को लगाया गया था। इनमें कई ब्राह्मणों और राजाओं की बेटियाँ थी, जिन्हें…