मैं चाहे जो लिखूँ-बोलूँ, मेरी मर्जी: बालसुलभ तर्कों से लैस इतिहास्य-कार, आरफा खानुम महज झाँकी है
औरंगज़ेब ने भले दर्जनों मंदिर तुड़वाए, लेकिन इतिहासकार चाहे तो अपने इतिहास की कार चढ़ा उसे कुचल दे और साबित कर दे कि वह तो बड़ा शालीन शासक था।
औरंगज़ेब ने भले दर्जनों मंदिर तुड़वाए, लेकिन इतिहासकार चाहे तो अपने इतिहास की कार चढ़ा उसे कुचल दे और साबित कर दे कि वह तो बड़ा शालीन शासक था।
"मौजूदा संसद भवन और राजपथ दुनिया की इस्लाम प्रभावित सबसे महत्वपूर्ण निशानी... मोदी भारत की सभी इस्लामिक इमारतों और 20 करोड़ मुसलमानों को नेस्तनाबूद करने से कम कुछ भी नहीं…
कपूर ने अपने प्रोपेगेंडा लेख में लिखा कि मोदी का हिन्दू तालिबान देश में सांस्कृतिक प्रभुसत्ता स्थापित करने के लिए स्मारक बनाना चाहता है जैसा कि लगभग सभी फासीवादी नेता…
'दैनिक जागरण' के अलावा 'अमर उजाला' और 'दैनिक भास्कर' ने भी अपनी हैडिंग में मस्जिद को 'धार्मिक स्थल' लिखा। क्या इससे हिन्दू मंदिर बदनाम नहीं हो रहे?
ट्विटर पर इस चर्चा को कई भाजपा समर्थकों ने ज्वाइन किया था, ताकि वह जान सकें बासु का क्या कहना है। लेकिन भाजपा समर्थक इससे जुड़ने के बाद सिर्फ हँसने…
याचिकाकर्ताओं ने मामले को मौलिक अधिकारों से जोड़ते हुए अर्जेंट बताया था। हाई कोर्ट ने इसे अर्जेंट नहीं मानते हुए सुनवाई टाल दी।
भारत में कोरोना से करीब 3.16 लाख मौतें हुई है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में यह संख्या 6 से 42 लाख बताई थी।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें 2018 की है, जब 2019 में होने वाले कुंभ की तैयारियों के लिए घाट की साफ सफाई हो रही थी। 85 वर्षीय पुजारी राममूरत मिश्रा…
मीडिया गिरोह और भारत के राष्ट्रवादी लोगों का युद्ध बहुत आगे तक चलने वाला है। इस युद्ध में इतना तो निश्चित है कि मीडिया, हिंदुओं और भारत के हितों पर…
"रवीश कुमार हिंदी पत्रकारिता के बरखा दत्त थे... भारत की आवाज़ थे। किसी ने उनसे सवाल पूछा तो जवाब में उन्होंने उसे ब्लॉक कर दिया।"