पल्स पोलियो से टीके को पिटवा दिया अब कॉन्ग्रेस के कोयला स्कैम से पिटेगी मोदी की ईमानदारी: रवीश कुमार
ये व्यक्ति एक ऐसा फूफा है जो किसी और के विवाह में स्वादिष्ट भोजन खाकर यह कहने में जरा भी नहीं हिचकेगा कि; भोजन तो बड़ा स्वादिष्ट था लेकिन अगर…
ये व्यक्ति एक ऐसा फूफा है जो किसी और के विवाह में स्वादिष्ट भोजन खाकर यह कहने में जरा भी नहीं हिचकेगा कि; भोजन तो बड़ा स्वादिष्ट था लेकिन अगर…
'पोलियो रविवार' के दिन मोदी सरकार ने 9.1 करोड़ बच्चों को वैक्सीन लगाई। रवीश 2012 के रिकॉर्ड की बात कर रहे। 1950 में पहला पोलियो वैक्सीन आया, 62 साल बाद…
FIR क्या हुई। आपस में ही उलझ गए जुबैर, राना और सबा। आखिर में तय हुआ रवीश के पास चलने का जो अरफा के साथ बैठे थे। फिर क्या हुआ?
रवीश कुमार ने अगस्त 22, 2015 में एक ट्वीट के बाद सीधा जनवरी 2020 में एक ट्वीट को एक रीट्वीट किया था, अर्थात साढ़े 4 साल का गैप। इसके बाद…
"रवीश कुमार हिंदी पत्रकारिता के बरखा दत्त थे... भारत की आवाज़ थे। किसी ने उनसे सवाल पूछा तो जवाब में उन्होंने उसे ब्लॉक कर दिया।"
रवीश कुमार दशकों से उम्मीद से हैं। इतने वर्षों तक उम्मीद से रहने के बावजूद उन्होंने कभी खुद को उम्मीदवार घोषित नहीं किया।
अचानक लग रहा है जैसे पत्रकारों को लाश से प्यार हो गया है। बरखा दत्त श्मशान में बैठकर रिपोर्टिंग कर रही हैं। रवीश कुमार लखनऊ को लाशनऊ बता रहे हैं।
रेडियो चुप है। कोई ब्लैक स्क्रीन नहीं है। कहीं पेंट हुए चेहरे नहीं हैं और कोई मीम नहीं है। सिर्फ़ चुप्पी है। यही चुप्पी तुम्हारे रक्षक की हकीकत है। ये…
सबसे बड़ी बात तो ये कि रवीश कुमार ने तृणमूल कॉन्ग्रेस के इस बार के चुनावी स्लोगन 'खेला होबे' का इस्तेमाल कर के दिल्ली-बिल्ली की रट लगाई।
प्रधानमंत्री मोदी के 'आंदोलनजीवी' शब्द का इस्तेमाल करने के बाद सोशल मीडिया में मीम्स की बौछार हो गई है।