1000 साल बाद वही काशी, 352 साल बाद वह ज्ञानवापी कूप जिसमें शिवलिंग लेकर कूद गए थे पुजारी; 27 मंदिरों की मणिमाला भी
"आज मंदिर का जो दिव्य और भव्य परिसर सबके सामने है वो बाबा काशी विश्वनाथ की इच्छा और प्रधानमंत्री मोदी के सार्थक और दृढ़ इच्छशक्ति के कारण ही संभव हुआ…