Sunday, April 28, 2024

विषय

काशी कॉरिडोर

1000 साल बाद वही काशी, 352 साल बाद वह ज्ञानवापी कूप जिसमें शिवलिंग लेकर कूद गए थे पुजारी; 27 मंदिरों की मणिमाला भी

"आज मंदिर का जो दिव्य और भव्य परिसर सबके सामने है वो बाबा काशी विश्वनाथ की इच्छा और प्रधानमंत्री मोदी के सार्थक और दृढ़ इच्छशक्ति के कारण ही संभव हुआ हैं।"

काशी कॉरिडोर देश को समर्पित करेंगे PM मोदी: हिंदुओ यह 13 दिसंबर तुम्हारे गौरव की पुर्नस्थापना का दिन है

प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को इस कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी और आज ये विश्वनाथ कॉरिडोर 5.2 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। इसमें 33,075 वर्ग फीट में काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर है। इस कॉरिडोर में एक साथ 02 लाख लोग जमा हो सकते हैं।

28000 शिवालयों में पूजा, 5 लाख घरों में प्रसाद वितरण: PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट से यूँ बदल गई अवधूत की क्रीड़ास्थली, दिखेगा इतिहास

एक समय में लगभग 4000 लोग इस रोप-वे पर यात्रा कर पाएँगे। विश्व में यह सेवा अभी तक केवल बोलीविया के लाल पाज और मेक्सिको की राजधानी में ही है।

‘पहिले से तो अब बहुत अच्छा हो गया है, इस समय बनारस स्वर्ग हो गया है’: हिंदू गौरव का नया प्रतीक श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर

जिस श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को देश को समर्पित करेंगे, वहाँ के उत्सवी वातावरण, दिव्यता, भव्यता और जीवंत आध्यात्मिकता की ग्राउंड रिपोर्ट।

यूपी में पहली बार: बाबा विश्वनाथ दरबार में होगी योगी सरकार की कैबिनेट, ‘भव्य काशी दिव्य काशी’ के लिए ऐसी है तैयारी

यूपी की योगी सरकार की कैबिनेट बैठक16 दिसंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर में होगी। इस बैठक को लेकर वाराणसी जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।

काशी विश्वनाथ मंदिर की हुई ज्ञानवापी मस्जिद की 1700 फीट जमीन

काशी विश्‍वनाथ मंदिर प्रशासन और ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से पहले ही इस मामले पर सहमति बातचीत के दौरान बनी थी।

18 अप्रैल 1669… जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का दिया था आदेश, साढ़े 4 महीने में कर ली गई थी...

कौन नहीं जानता है कि गायों को हरावल दस्ते में आगे रखकर हिंदुओं को जीतने वाले कायर रेगिस्तानी बर्बरों ने हिंदुओं की चेतना को खत्म करने के लिए मंदिरों को अपवित्र किया, मूर्तियाँ तोड़ीं और बलात्कार किए।

जब एक फैसला, फैसला न होकर तुष्टिकरण बन गया: जानिए काशी, मथुरा की लड़ाई क्यों बाकी है…

आज जब अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद काशी-मथुरा की लड़ाई तेज़ हो गई है, हमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को भी याद करने की ज़रूरत है।

‘मथुरा-काशी बाकी है’: 1947 का वो यज्ञ जब 3 दोस्तों ने खींचा हिंदुओं के 3 पवित्र स्थल को वापस पाने का खाका

यह तो पहली झाँकी है, मथुरा-काशी बाकी है। ये नारा तो बहुत बाद में बुलंद हुआ। उससे बरसों पहले तीन दोस्तों ने अयोध्या के साथ-साथ इन दो हिंदू पवित्र स्थलों को वापस पाने का एक विस्तृत खाका तैयार कर लिया था।

कुतुबमीनार, ज्ञानवापी, मथुरा या ढाई दिन का झोपड़ा: मस्जिद जो हिंदुओं के जख्म पर नमक जैसे हैं

यह दूसरा मजहब यदि सचमुच सहिष्णु है तो तत्काल कम से कम काशी और मथुरा के मंदिरों को खुद खाली करे और हिंदुओं के साथ वहाँ भव्य मंदिर बनवाए। बाकी, 30 हज़ार मंदिरों की तो बात भी नहीं हुई है….

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe