Sunday, November 17, 2024

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भीमा-कोरेगाँव

आजीवन कारावास वाले कैदी सहित अर्बन नक्सलियों को जेल से छोड़ो, उनको महामारी हो जाएगी: CPI (M)

अपनी माँग में CPI (M) ने अर्बन नक्सलियों को ‘मानवाधिकार कार्यकर्ता’ बताते हुए हर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीरता से चिंता जताई है।

दिल्ली हाईकोर्ट की NIA के खिलाफ टिप्पणी सही नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा मामले में सिब्बल के तर्कों को नकारा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, तब तक NIA ने जाँच भी नहीं शुरू की थी। इसीलिए, दिल्ली HC का बयान सही नहीं है।

भीमा कोरेगाँव मामला: अर्बन नक्सलियों को नहीं मिली राहत, बॉम्बे HC ने अग्रिम जमानत देने से किया इनकार

केंद्र सरकार ने पिछले महीने इसकी जाँच पुणे पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को सौंप दी। अब बॉम्बे HC ने एल्गार परिषद केस में कथित नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। नवलखा और तेलतुंबडे पर माओवादियों से सम्पर्क रखने के आरोप हैं।

अर्बन नक्सल: सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को बेल नहीं, भीमा-कोरेगाँव हिंसा की रची थी साजिश

पुलिस के अनुसार तीनों कथित एक्टिविस्ट्स 4 ऐसे संगठनों से जुड़े थे, जो प्रतिबंधित माओवादी संगठन के मुखौटे के रूप में काम करते हैं। वर्नोन और फरेरा नक्सली संगठन में भर्ती के लिए के लिए भी लोगों को उकसा रहे थे।

अर्बन नक्सल गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई से अलग हुए CJI गोगोई, कहा- कोई अन्य बेंच सुने

महाराष्ट्र सरकार ने अनुरोध किया था कि इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का आदेश पारित करने से पहले उसकी बात सुनी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा के ख़िलाफ़ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करते हुए इसे गंभीर मामला करार दिया था।

भीमा कोरेगाँव हिंसा: DU प्रोफेसर के घर पुणे पुलिस ने मारा छापा, नक्सलियों से सम्बन्ध की आशंका

हनी बाबू डीयू के प्रोफ़ेसर हैं और 'द कमिटी ऑफ सिविल राइट्स एक्टिविस्ट्स' के सदस्य हैं। इस कमिटी का गठन जीएन साईबाबा द्वारा किया गया था। डीयू प्रोफ़ेसर साईबाबा को 2017 में महाराष्ट्र की एक अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी।

जाँच आयोग के सामने पलटे अर्बन नक्सल, रिटायर जज बोले- वापस जेल में डाल दो

सुधीर धावले ने एक आवेदन दाखिल कर आयोग के समक्ष बयान देने का आग्रह किया था। धावले एल्गार परिषद के आयोजकों में से एक था। एल्गार परिषद ने माओवादियों के समर्थन से भीमा कोरेगाँव युद्ध की बरसी पर हिंसा भड़काई थी।

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