पिछले साल 18 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के 2013 के फैसले काे पलटते हुए सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सीबीआई ने सज्जन कुमार के राजनीतिक रसूख का जिक्र करते हुए अदालत से कहा कि वो बाहर निकलते ही गवाहों को आतंकित कर सकता है। 34 वर्ष बाद आए फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी। वो 3 महीने से जेल में है।
दिल्ली उच्च न्यायलय ने ट्रायल कोर्ट का फैसला पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 सिख दंगों के मामले में दोषी करार दिया है। उन पर लगे दंगे भड़काने की साजिश रचने और भीड़ को उकसाने के आरोप को अदालत ने सही पाया।