Friday, April 19, 2024
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‘कॉन्ग्रेसी नेता सज्जन कुमार है सिख दंगों का सरगना, ज़मानत मिलने पर गवाहों को करेगा आतंकित’

1984 में सज्जन कुमार सांसद था। आउटर दिल्ली लोकसभा से 1980 में जीते सज्जन ने 1991 और 2004 में सांसदी का यह सीट फिर से जीता था। इस नेता पर पर हत्या का अपराध, समूहों के बीच विद्वेष फैलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का दोष सिद्ध हो चुका है।

सिख दंगों के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए कॉन्ग्रेस नेता सज्जन कुमार की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने उसे 1984 सिख दंगों का सरगना बताया है। बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायलय ने ट्रायल कोर्ट का फैसला पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 सिख दंगों के मामले में दोषी करार दिया था। घटना के 34 वर्ष बाद आए अहम फ़ैसले में सज्जन कुमार पर लगे दंगे भड़काने की साजिश रचने और भीड़ को उकसाने के आरोप को अदालत ने सही पाया था। उच्च न्यायालय ने 2013 में ट्रायल कोर्ट द्वारा सज्जन कुमार को आरोपों से बरी किए जाने के फैसले को पलटते हुए उसे हत्या का अपराध, समूहों के बीच विद्वेष फैलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का दोषी पाया था।

अब सज्जन कुमार ने हाईकोर्ट के उस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से निवेदन किया कि सज्जन कुमार को ज़मानत देकर न्याय का मखौल न उड़ाया जाए क्योंकि पटियाला हाउस कोर्ट में उसके ख़िलाफ़ सिख दंगों से जुड़ा एक अन्य मामला भी चल रहा है। तीन महीने से जेल में बंद सज्जन कुमार के बारे में सीबीआई ने कहा कि सिख दंगा एक बर्बर अपराध था और सज्जन कुमार उस समय बड़ा नेता हुआ करता था।

सीबीआई को डर है कि बाहर निकलने पर सज्जन कुमार अपने ख़िलाफ़ चल रहे एक अन्य मुक़दमे को प्रभावित कर सकता है। उस मुक़दमे में भी गवाहों के बयान दर्ज किए जाने हैं और अदालत कभी भी उसकी सुनवाई तेज़ करने का आदेश दे सकती है। सज्जन कुमार के वकील ने तर्क दिया कि पहले भी उसे अग्रिम ज़मानत दी जा चुकी है लेकिन उसने कभी इसका दुरूपयोग नहीं किया। ज्ञात हो कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को 1984 में 1 और 2 नवंबर की रात दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के राज नगर पार्ट-1 में पाँच सिखों को जिंदा जलाने और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे में आग लगाने के मामले में दोषी पाया था।

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय में सज्जन कुमार के अलावा चार अन्य भी दोषी पाए गए थे और उनके ख़िलाफ़ ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाए गए उम्र कैद के फैसले को उच्च अदालत ने बरकरार रखा था। अदालत ने कहा था कि पुलिस द्वारा सक्रिय रूप से आरोपितों को बचाने की कोशिश की गई। दोषियों में कॉन्ग्रेस से पार्षद रहे बलवान खोखर और कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक महेंदर यादव भी शामिल हैं।

बता दें कि सिख दंगों के दौरान अकेले दिल्ली में 3000 के क़रीब सिखों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मामले में कई कॉन्ग्रेस नेताओं के नाम सामने आए थे। इंदिरा गाँधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या करने के बाद भड़की हिंसा में सिखों को चुन-चुन कर ज़िंदा जलाया गया था और उनका घर-बार लूटा गया था। सीबीआई ने सज्जन कुमार के राजनीतिक रसूख का जिक्र करते हुए अदालत को कहा कि वो बाहर निकलते ही गवाहों को आतंकित कर सकता है। 1984 में सज्जन कुमार सांसद था। आउटर दिल्ली लोकसभा से 1980 में जीते सज्जन ने 1991 और 2004 में सांसदी का यह सीट फिर से जीता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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