ये सब शुरू हुआ अलका द्वारा भाजपा नेताओं को संघ की नाजायज पैदाइश बताने से। पीएम मोदी की तस्वीर ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि संघ का भले राजनीति से कोई लेना-देना नहीं हो लेकिन सारे भाजपा नेता संघ की ही नाजायज औलाद हैं।
दिल्ली का राजनीतिक भविष्य न सिर्फ सत्ता की कुर्सी तय करेगा बल्कि दल बदल कर मैदान में उतरे नेताओं का भविष्य भी लिखा जाएगा। बगल के राज्य हरियाणा में हुए चुनावों में जनता ने दलबदलू नेताओं को महत्व नहीं दिया था।
अलका लम्बा ने न सिर्फ़ केजरीवाल की पार्टी के एक कार्यकर्ता को खदेड़ा बल्कि खींच कर एक चाँटा भी मारा। हालाँकि, वो चाँटा उसे लगा नहीं। अलका लाम्बा कुछ महीनों पहले तक आम आदमी पार्टी में थी लेकिन फिर वो अपनी पुरानी पार्टी कॉन्ग्रेस में चली गईं।
आम आदमी पार्टी के नारे 'अच्छे बीते 5 साल, लगे रहो केजरीवाल' को अलका लाम्बा ने मजाक करार दिया। लाम्बा ने कहा कि बीते 5 साल लड़ाई-झगडे और कोर्ट-कचहरी में नज़र आने वाले केजरीवाल को अब बस भी करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार तो जामा मस्जिद के पास भूमाफियाओं से ज़मीन भी खाली नहीं करा पाई।
अलका लांबा जब हाथ में माइक लिए लोगों से बात कर रही थीं, तो जिस शख़्स को उन्होंने अपना फ़ोन फ़ेसबुस से लाइव स्ट्रीमिंग के लिए दिया था, वो फ़िल्टर्स हटाना भूल गया। इसके कारण अलका लांबा जिस भी व्यक्ति से उनकी परेशानी पूछने जातीं, उस व्यक्ति के चेहरे पर कभी बिल्ली, पिल्ले और...
मोदी राष्ट्र के पिता नहीं हो सकते क्योंकि आप उनकी तुलना महात्मा गाँधी से नहीं कर सकते। यहाँ तक कि जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे दिग्गजों को इस तरह का ख़िताब नहीं दिया गया।"