पीपराकोठी कृषि केन्द्र: एक प्रयास पूरे इलाके की तस्वीर बदल देता है | Video On Piprakothi Krishi Kendra
स्थानीय लोगों से बातचीत करके पता चलता है कि उनके भीतर इस योजना के कारण कितना अधिक संतोष है और इसकी वजह से कैसे रोजगार मिल रहा।
स्थानीय लोगों से बातचीत करके पता चलता है कि उनके भीतर इस योजना के कारण कितना अधिक संतोष है और इसकी वजह से कैसे रोजगार मिल रहा।
आक्रोशित लोग यही सवाल पूछ रहे हैं, "आखिर प्रशासन ने इतनी बड़ी वारदात को क्यों और कैसे अंजाम दे दिया?" उनका गुस्सा सरकार से भी है।
गाँव में तनाव पसरा हुआ है। लोग बात करने को तैयार नहीं होते। लोगों ने हाथ जोड़ लिए और कहा कि आप गाँव की दूसरी तरफ चले जाइए। इधर माहौल…
देखा जाए तो टीवी वालों ने हर चीज को एक तरह से सर्कस की तरह बना दिया है। अपने आपको अदाकारा बना लिया है और वो उसे बेचने की कोशिश…
2011 में यह गाँव मीडिया की सुर्खियों में था। यहाँ की एक बिटिया, जिसका नाम रानी है, को बिल गेट्स ने गोद में लिया था। लेकिन 10 साल बाद भी...
हमने प्रेम कुमार से जानने की कोशिश की कि 7 साल जीत मिलने के बाद वो 8वीं पर मैदान में किस मुद्दे और रणनीति को लेकर उतरे हैं।
मैं आज गया जिले के केनार चट्टी गाँव गया। जो पहले बर्तन उद्योग के लिए जाना जाता था, अब वो मजदूरों का गाँव बन चुका है।
हमने श्रेयसी से यह जानने की कोशिश की कि उन्होंने बीजेपी को ही क्यों चुना, जबकि उनके पास कई विकल्प थे
गया देश का सबसे गंदा शहर है। जाम, संकरी सड़कें शहर की पहचान हैं। बावजूद बीजेपी का यह दुर्ग क्यों अभेद्य दिख रहा?
क्या बिहार से पलायन करने की मजबूरी को रोकने का इलाज बड़े कल-कारखाने ही हैं? क्या बड़ी इंडस्ट्रियों के बगैर राज्य में रोजगार का सृजन नहीं हो सकता?