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Bihar Election Ground Report
पीपराकोठी कृषि केन्द्र: एक प्रयास पूरे इलाके की तस्वीर बदल देता है | Video On Piprakothi Krishi Kendra
अजीत झा -
स्थानीय लोगों से बातचीत करके पता चलता है कि उनके भीतर इस योजना के कारण कितना अधिक संतोष है और इसकी वजह से कैसे रोजगार मिल रहा।
मुंगेर में कई जगह मतदान का बहिष्कार: चड़ौन में ग्रामीणों ने जला डाली वोटिंग की पर्ची, घर-घर जाकर गिड़गिड़ा रहे राजनीतिक दलों के लोग
आक्रोशित लोग यही सवाल पूछ रहे हैं, "आखिर प्रशासन ने इतनी बड़ी वारदात को क्यों और कैसे अंजाम दे दिया?" उनका गुस्सा सरकार से भी है।
शिवहर: जिस दिन एक कैंडिडेट को गोलियों से भून दिया गया, उसी दिन हमने क्या देखा…
अजीत झा -
गाँव में तनाव पसरा हुआ है। लोग बात करने को तैयार नहीं होते। लोगों ने हाथ जोड़ लिए और कहा कि आप गाँव की दूसरी तरफ चले जाइए। इधर माहौल ठीक नहीं है।
बिहार में क्या चल रहा है? अजीत भारती का वीडियो। Discussion on Bihar election
देखा जाए तो टीवी वालों ने हर चीज को एक तरह से सर्कस की तरह बना दिया है। अपने आपको अदाकारा बना लिया है और वो उसे बेचने की कोशिश करते हैं।
बिहार चुनाव ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार में बिल गेट्स वाला गाँव, उस ‘इवेंट मैनेजमेंट’ से क्या हुआ? | Bill Gates took photos here
अजीत झा -
2011 में यह गाँव मीडिया की सुर्खियों में था। यहाँ की एक बिटिया, जिसका नाम रानी है, को बिल गेट्स ने गोद में लिया था। लेकिन 10 साल बाद भी...
गया से 7 बार से विधायक, कृषि मंत्री प्रेम कुमार से बातचीत| 7-time MLA Prem Kumar interview
अजीत झा -
हमने प्रेम कुमार से जानने की कोशिश की कि 7 साल जीत मिलने के बाद वो 8वीं पर मैदान में किस मुद्दे और रणनीति को लेकर उतरे हैं।
गया के केनार चट्टी गाँव के कारीगर, जो अब बन चुके हैं मजदूर। Bihar Elections Ground Report: Wazirganj, Gaya
अजीत झा -
मैं आज गया जिले के केनार चट्टी गाँव गया। जो पहले बर्तन उद्योग के लिए जाना जाता था, अब वो मजदूरों का गाँव बन चुका है।
जमुई से BJP प्रत्याशी श्रेयसी सिंह से चुनावी मुद्दों पर बातचीत। BJP’s Shreyasi Singh interview
अजीत झा -
हमने श्रेयसी से यह जानने की कोशिश की कि उन्होंने बीजेपी को ही क्यों चुना, जबकि उनके पास कई विकल्प थे
BJP का गया दुर्ग कितना मजबूत, क्या लगातार 8वीं बार कामयाब रहेंगे प्रेम कुमार?
अजीत झा -
गया देश का सबसे गंदा शहर है। जाम, संकरी सड़कें शहर की पहचान हैं। बावजूद बीजेपी का यह दुर्ग क्यों अभेद्य दिख रहा?
बिहार का वो गाँव जहाँ कभी पूरे राज्य से आते थे कारोबारी, आज फेरी लगाने और पलायन को मजबूर
अजीत झा -
क्या बिहार से पलायन करने की मजबूरी को रोकने का इलाज बड़े कल-कारखाने ही हैं? क्या बड़ी इंडस्ट्रियों के बगैर राज्य में रोजगार का सृजन नहीं हो सकता?