डीईए, सीबीआई और डीओपीटी ने सीवीसी से राय मांगी थी जिसके आधार पर सीवीसी ने इन चारों पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार में वर्तमान प्रमुख सचिव प्रबोध सक्सेना और डीईए के पूर्व अवर सचिव रबिन्द्र प्रसाद का भी नाम है।
PM मोदी और जस्टिस सीकरी ने सीवीसी रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आलोक वर्मा को पद से हटाने का फ़ैसला किया जबकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन दोनों के फ़ैसले पर अपनी आपत्ति दर्ज़ की