194 कुल लेख
जयन्ती मिश्रा
सामाजिक मुद्दे
’15 साल में लड़कियाँ प्रजनन के लायक तो शादी 21 में क्यों’ – अपनी बहन-बेटी को किस उम्र में ब्याहेंगे ये कॉन्ग्रेसी नेता?
कॉन्ग्रेस नेता सज्जन सिंह ने कहा कि जब लड़कियाँ 15 साल में प्रजनन लायक हो जाती हैं तो शादी की उम्र 21 साल करने की क्या जरूरत है?
राजनैतिक मुद्दे
दिल्ली पुलिस पर रिवॉल्वर तानने वाले शाहरुख को भूली कॉन्ग्रेस, जामिया फायरिंग के नाबालिग को ‘उग्र दक्षिणपंथी’ बता दिखाया
कॉन्ग्रेस को शाहरुख याद नहीं है। लेकिन, जामिया में गोली चलाने वाले नाबालिग का चेहरा दिखाने से उसे गुरेज नहीं। क्यों? सिर्फ इसलिए कि वह नाबालिग एक हिंदू था।
अन्य
अल्लाह, एलियन या परमाणु परीक्षण… 2004 की सुनामी के पीछे चले मिथक: जिसने बर्बाद कर दी 7+ लाख जिंदगियाँ
साल 2004 की सुनामी का प्रभाव इतना गहरा था कि पृथ्वी का आकार भी बदल गया। कुछ आईलैंड कई मीटर तक अपनी पूर्व जगहों से खिसक कर...
देश-समाज
बेगूसराय: मस्जिद की दीवार फाँद घर में घुसा मोहम्मद छोटू, चाकू खाकर भी नहीं डरी हिंदू महिला; पर पुलिस के रवैए से टूटी
ताबड़तोड़ चाकू खाकर हिंदू महिला ने जिस मोहम्मद छोटू को पुलिस के हवाले किया था वह बाद में छोड़ दिया गया। अब महिला को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही।
राजनीति
कॉन्ग्रेसी राज में किसानों का नरसंहार: 24 मौतें, 150+ घायल… आँसू गैस के बाद दनादन चली थीं गोलियाँ
खराब फसल के बदले मुआवजा माँगने वाले किसान जमीन पर थे। 17 ने तो मौके पर दम तोड़ दिया था। बाद में आँकड़े बढ़ कर 24 हुए। यह सब...
देश-समाज
एक का गैंगरेप, दूसरी पर धर्मांतरण का दबाव: आदिवासी नाबालिगों की आवाज उठाने पर 14 ABVP कार्यकर्ता पहुँचे जेल
छत्तीसगढ़ में ABVP के सदस्य 2 आदिवासी नाबालिग लड़कियों को न्याय दिलाने के लिए लगातार पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ आवाज उठा रहे हैं।
राजनीति
किसानों के नाम पर फरेब की खेती: पिता ही नहीं, खुद का भी कहा भूले BKU वाले राकेश टिकैत; पलटी मारने के ये रहे...
राकेश टिकैत सिर्फ पिता का कहा नहीं भूले हैं। वे अपनी कही बातों से भी पीछे हटे हैं। उन्हीं सुधारों का विरोध कर रहे हैं जिसकी जून में प्रशंसा की। पिछले साल माँग की थी।
देश-समाज
2 दिसंबर को शादी, 9 को दुर्गा मंदिर जाते वक़्त सद्दाम ने अगवा किया: अब तक सुराग नहीं, धर्म परिवर्तन का जताया जा रहा...
“अब क्या करोगे...अब तो समाज आ गया” यही वह लाइन है जो सद्दाम के परिजनों ने एक-दूसरे से कहा, जब पीड़ित परिवार के लोग और पड़ोसी उनके घर पहुँचे।