वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 2020-21 के दौरान नीतिगत सुधारों, निवेश सुविधा और व्यापार करने में आसानी के मोर्चे पर सरकार द्वारा किए गए उपायों के कारण 19% बढ़कर 59.64 बिलियन डॉलर हो गया।
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इसका मंत्र फाइनेंशल सेक्टर पर स्पष्ट दिख रहा है। आज गरीब हो, किसान हो, पशुपालक हो, मछुआरे हो, छोटे दुकानदार हो सबके लिए क्रेडिट एक्सेस हो पाया है।
'आर्थिक मंदी की आहट' के बीच वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान RBI की बैलेंस शीट में 13.42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह अब 36.17 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 41 लाख करोड़ रुपए हो गई है। इस वृद्धि में निजी और विदेशी निवेशों का अहम योगदान है।
निर्यात में 9 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। निर्यात अब 331 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। पिछले वर्ष यह 303 बिलियन डॉलर था। इसके साथ ही 2013-14 का वो रिकॉर्ड भी धराशयी हो गया जब निर्यात 314.4 अरब डॉलर दर्ज किया गया था।