History

पहले खुदीराम बोस… दूसरे कौन? 20 की उम्र में मुस्कराते हुए फाँसी पर चढ़ने वाले क्रांतिकारी, जिन्होंने सुनवाई में वकील भी नहीं किया

क्रांतिकारी कन्हाईलाल दत्त को अलीपुर जेल में सत्येन्द्रनाथ बोस के साथ मिल कर गद्दार नरेन्द्र गोस्वामी को मौत के घाट उतारने के लिए जाना जाता है।

1947 ही नहीं, पहले भी कई बार हुआ था भारत का विभाजन: 9 देश, जो कभी हुआ करते थे ‘अखंड भारत’ का हिस्सा

क्या आपको पता है कि पाकिस्तान के अलावा कई अन्य देश भी हैं जो कभी भारत का हिस्सा हुआ करते थे? भारतवर्ष कैसे टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया, देखिए।

स्वामी विवेकानंद ही नहीं, शिकागो में इन्होंने भी लहराई थी धर्म की ध्वजा: वो गाँधी, जिन्हें हम भूल गए…

आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें विश्व धर्म संसद में बड़े ध्यान से सुना गया था - स्वामी विवेकानंद के साथ। वो भी…

हिन्दू नरसंहारक ‘मोपला विद्रोह’ के 387 नामों को सूची से हटाना PM मोदी का ऐतिहासिक कदम: वामपंथियों के झूठ का हुआ अंत

केंद्र सरकार के फैसले का कॉन्ग्रेस, वामपंथियों और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग द्वारा विरोध उनके दशकों के प्रयास से गढ़े गए नैरेटिव के ध्वस्त होने की छटपटाहट है और उस…

पढ़ाया ‘कृषि विद्रोह’, था हिंदुओं का नरसंहार: 10000+ मौतें, मंदिरों में गोमांस, बापों के सामने धर्म बदल बेटियों का निकाह

जिसे 'कृषि विद्रोह' व 'स्वतंत्रता संग्राम' बताया गया, वो मोपला में हिन्दुओं का नरसंहार था। पढ़िए क्या हुआ था 1921 में केरल के मालाबार में।

‘मुगलों और अंग्रेजों ने दबाया भारत का इतिहास, हमारी किताबों में ज्यादातर विदेशी शासक’: अजय देवगन

'भुज' अभिनेता अजय देवगन ने इस बात से आपत्ति जताई कि हमारी इतिहास की किताबों में हमारे देश से ज्यादा विदेशी शासकों के बारे में पढ़ाया जाता है।

मिल्खा सिंह को हराने वाला खिलाड़ी जो गरीबी से तड़प कर मरा, इलाज बगैर खो दिए 2 बेटे: मेडल बेचने को मजबूर थी विधवा पत्नी

मिल्खा सिंह कहते थे अगर वो ट्रैक पर किसी से डरते हैं तो माखन से। 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित उस खिलाड़ी को आजीवन अपमान झेलना पड़ा। गरीबी में हुई थी…

786 फीट तकिया फेंका, देश के लिए लाया पहला ओलंपिक गोल्ड: वो GK जिसे इतिहासकारों ने छिपाया

भारत गोल्ड जीत चुका था। बात प्रेस में दबाने के लिए चाहने वाली बिलायती महिला को सेट किया। चाहने वाली पावरफुल थी। उन्होंने प्रेस को सेट किया।

‘मस्जिद के सामने जुलूस निकलेगा, बाजा भी बजेगा’: जानिए कैसे बाल गंगाधर तिलक ने मुस्लिम दंगाइयों को सिखाया था सबक

हिन्दू-मुस्लिम दंगे 19वीं शताब्दी के अंत तक महाराष्ट्र में एकदम आम हो गए थे। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक इससे कैसे निपटे, आइए बताते हैं।

शिवाजी से सीखा, 60 साल तक मुगलों को हराते रहे: यमुना से नर्मदा, चंबल से टोंस तक औरंगज़ेब से आज़ादी दिलाने वाले बुंदेले की कहानी

उनके बारे में कहते हैं, "यमुना से नर्मदा तक और चम्बल नदी से टोंस तक महाराजा छत्रसाल का राज्य है। उनसे लड़ने का हौसला अब किसी में नहीं बचा।"